लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत पर शुक्रवार सुबह सोशल साइट एक्स पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इसके साथ ही श्री यादव ने योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। वहीं सपा नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव (SP leader Professor Ram Gopal Yadav ) ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है।
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सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा। अखिलेश ने वजहें गिनाईं।
हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:
– थाने में बंद रहने के दौरान
– जेल के…— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 29, 2024
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उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सपा नेता राम गोपाल ने भी मुख्तार की मौत पर सरकार से सवाल किया। पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है। उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही ज़हर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में तो न जेल में कोई सुरक्षित , न पुलिस कस्टडी में और न अपने घर में। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है। क्या मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जांच के आदेश करेगी यूपी सरकार?