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लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल (Northern Railway Lucknow Division) में ट्रैकमैनो को दिया गया जूता एक दिन में ही फट गया। जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे में कार्यरत ट्रैकमैनो को प्रत्येक वर्ष दो जोड़ी जूते दिये जाते हैं। रेलवे बोर्ड के 05 फरवरी 2018 के पत्र के अनुसार जूते बाटा, लिबर्टी, एक्शन जैसी अच्छी कम्पनी का होना चाहिए, जिसकी कीमत चौदह सौ (1400) रुपया होना चाहिए । परन्तु उतरेटिया सेक्शन में दिया गया जूता KKI, BACK BURN जैसी घटिया कम्पनी का है जो रेलवे ट्रैक पर चलने पर दो दिन में ही फट गया।
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नाम न लिखे जाने के शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि मंडल के अधिकारी जूते में भी कमीशन खा रहे हैं। सिर्फ 2019 में अच्छी क्वालिटी का जूता मिला था, उसके तीन वर्ष बाद मई 2022 में जूता दिया गया था वो भी लोकल कम्पनी के होने के कारण 2-3 माह में ही फट गया था। अभी दिसंबर महीने में मिलने वाला जूता तो 2-3 दिन में ही फटने लगा। जूते के अलावा बरसाती (Rain coat), सामान रखने का बैग जैसे अन्य सामान तो अभी तक नहीं दिया गया है।
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ट्रैकमैनों का कहना है कि यदि रेलवे के अधिकारी अच्छी क्वालिटी का सामान देने में असमर्थ हैं। तो इन सामानों का पैसा ही दे दें हमलोग खुद भी खरीद सकते हैं। ट्रैकमैन का काम हमेशा रेलवे ट्रैक पर ही रहता है। जहां गिट्टी और लोहा ही रहता है। इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए अच्छी गुणवत्ता का सामना होना अति आवश्यक है।
यदि कर्मचारी छोटी सी भी गलती कर देता है तो उसे तुरंत आरोप पत्र देकर बड़ी सजा दे दी जा रही है। परन्तु इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे दी गई है। चाहे वो सामान में कमीशन खोरी हो या ठेकेदार का काम सरकारी कर्मचारियों से करवा कर ठेकेदार से मोटी रकम कमाना हो।