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राजवीर सिंह ही नहीं राजकीय निर्माण निगम में कई अफसरों के पास है भ्रष्टाचार से बनाई गई अकूत संप​त्ति, जांच हो तो होगा खुलासा

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। राजकीय निर्माण निगम के पूर्व अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह पर उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दिल्ली और नोएडा में इनके पांच ठिकानों पर हुई छापेमारी में अकूत संपत्ति की की जानकारी हासिल हुई है। ये छापेमारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई है। अगर इसी तरह से ही राजकीय निर्माण निगम के कुछ और अफसरों के यहां पर छापेमारी हो तो उनके भी अकूत संपत्ति का भंडार मिलेगा।

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सूत्रों की माने तो राजवीर सिंह के यहां आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई छापेमारी के बाद राजकीय निर्माण निगम के कई अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि, अभी कई ऐसे अफसर हैं, जिन पर विजिलेंस का हंटर चल सकता है। इस कार्रवाई से बचने के लिए अब ये अफसर अपनी रसूख का इस्तेमाल करने में जुट गए हैं।

दिल्ली और नोएडा समेत पांच ठिकानों पर हुई छापेमारी
विजिलेंस की टीम ने मंगलवार राजवीर सिंह के पांच ठीकनों पर छापेमारी की। इसमें लखनऊ और मेरठ टीम शामिल थी, जो दिल्ली और नोएडा में कार्यालय व उनके घर समेत पांच जगहों पर छापेमारी की। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में कार्रवाई करने वाली दोनों टीमों को राजवीर सिंह के यहां अकूत सम्पत्ति मिली। इनकी कीमत 50 करोड़ से अधिक की बताई जा रही है। राजवीर सिंह दिल्ली स्थित महाप्रबंधक कार्यालय में अपर परियोजना प्रबन्धक हैं।

घर की सजावट में लगाए करीब ढाई करोड़
विजिलेंस की टीम ने छापेमारी की तो राजवीर सिंह के मिली अकूत संपत्ति की जानकारी देखकर अफसरों के होश उड़ गए। दिल्ली में 20 करोड़ और नोएडा में छह करोड़ रुपए के दो काम्पलेक्स मिले। दोनों काम्पलेक्स पांच मंजिला थे और कई भवन अर्धनिर्मित थे। इसके अलावा नोएडा में पांच करोड़ रुपए का बंगला मिला जिसके एक बेडरूम में रखे लॉकर के अंदर 77 लाख रुपए के जेवर व एक लाख रुपए नगद मिले। इसके अलावा इस भवन में लगे एसी, लग्जरी सोफे व अन्य साज सज्जा का ढाई करोड़ रुपए का सामान मिला। सोफों की कीमत लाखों में आंकी गई है। नोएडा में राजवीर व पत्नी के नाम से चार-चार करोड़ रुपए के दो हास्टल मिले। इनके अंदर करीब 21 लाख रुपए के एसी व अन्य सामान

केस दर्ज होने के बाद जांच में आई तेजी
राजवीर सिंह खिलाफ 11 मार्च 2024 को विजिलेंस निरीक्षक ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच में तेजी आई। उत्तर प्रदेश के राजकीय निर्माण निगम में तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के खिलाफ 31 मई 2019 को आय से अधिक मामले में जांच के आदेश हुए थे।

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दिल्ली में भी बनाई अकूत संपत्ति
सूत्रों की माने तो राजवीर सिंह ने राजकीय निर्माण निगम में रहते हुए अपने पद और रसूख का खूब इस्तेमाल किया। इसके जरिए उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। सूत्रों की माने तो अब जांच में कई बातें सामने आ रहीं हैं। अब इनके कार्यकाल के दौरान इनके करीबियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

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