नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी को खत्म किए जाने का संकेत दिए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने गुरुवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए सब्सिडी देने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उपभोक्ता अब खुद ही ईवी (EV) या सीएनजी वाहन (CNG Vehicles) चुन रहे हैं।
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बीएनईएफ शिखर सम्मेलन (BNEF Summit) को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि शुरुआत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के निर्माण की लागत ज्यादा थी। लेकिन जैसे-जैसे मांग बढ़ी, उत्पादन लागत कम होती गई। जिससे आगे सब्सिडी की जरूरत नहीं रह गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता अब खुद ही इलेक्ट्रिक और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) वाहन चुन रहे हैं। और मुझे नहीं लगता कि हमें इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए ज्यादा सब्सिडी देने की जरूरत है। मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर जीएसटी पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम है।
उन्होंने कहा कि मेरे विचार से, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के निर्माण को अब सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने की आवश्यकता नहीं है। सब्सिडी की मांग अब उचित नहीं है। इस समय, हाइब्रिड सहित इंटरनल कंब्शन इंजन द्वारा संचालित वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी, और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर 5 प्रतिशत लगाया जाता है।
इससे पहले, बुधवार को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी (Union Heavy Industries Minister HD Kumaraswamy) ने कहा था कि सरकार अपनी प्रमुख इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने की योजना FAME के तीसरे चरण को एक या दो महीने में अंतिम रूप दे देगी। उन्होंने कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी समूह इस योजना के लिए मिले इनपुट पर काम कर रहा है। और (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहन (FAME) योजना के पहले दो चरणों में मुद्दों को हल करने की कोशिश की जा रही है। FAME 3 इससे समय लागू अस्थायी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 की जगह लेगा, जो सितंबर में समाप्त होने वाली है।