Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ भड़की हिंसा ने ममता सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। इस मामले में विपक्षी दल भाजपा नेताओं का आरोप है कि सीएम ममता बनर्जी राज्य की कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही हैं, राज्य में केंद्र सरकार को आर्मी उतार देनी चाहिए। वहीं, जब मुस्लिमों के हक की बात करने वाले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी से मुर्शिदाबाद हिंसा पर सवाल किया गया तो उन्होंने यह कहकर चुप्पी साध ली कि वह पश्चिम बंगाल सरकार का प्रवक्ता नहीं हैं।
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दरअसल, मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वक्फ संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया था। हिंसा के दौरान दर्जनों घरों व दुकानों को निशाना बनाया गया और पुलिस वैन व कई अन्य गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 15 पुलिसकर्मियों समेत 17 लोग घायल भी हुए। इस मामले में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और भाजपा एक दूसरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगा रहे हैं। इस मुद्दे पर एक समाचार एजेंसी ने ओवैसी से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं। बंगाल सरकार कई बेहतर लोग हैं, जो इस सवाल का जवाब दे सकते हैं।’
इस दौरान ओवैसी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बुलडोजर एक्शन पर बात नहीं की जाती है। भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच हुआ तो नारा लगाने की बात कह कर 14 साल के बच्चे के घर पर बुलडोजर चलवा दिया गया। उन्होंने कहा कि हिंसा की हम निंदा करते रहे हैं और करते रहेंगे। प्रदर्शन शांति के साथ होना चाहिए।
एआईएमआईएम चीफ ने कहा, ‘हम पीएम मोदी से अपील करते हैं, इस वक्फ कानून पर फिर से गौर कीजिए। पीएम एक ऐसा कानून बना रहे हैं, जो संविधान के खिलाफ है।’ उन्होंने कहा कि पीएम अपनी विचारधारा को देश पर थोप रहे हैं। आपकी विचारधारा भारतीय राष्ट्रवाद और संविधान होना चाहिए। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो चीज हिंदुओं और सिखों के लिए अच्छी है, उसे मुसलमानों के लिए खराब कैसे कहा जा सकता है?