नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) का ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि, वहां त्रिशूल क्या कर रहा था। मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे ना त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखा है ना। ज्योर्तिलिंग है देव प्रतिमाएं हैं। दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं?
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मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम योगी (CM Yogi) सांप्रदायिकता फैलाने का काम कर रहे हैं। ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने CM योगी आदित्यनाथ के इस बयान को संविधान के खिलाफ और विवादित बताया।
ओवैसी ने कहा कि, मुख्यमंत्री जानते हैं कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ASI की रिपोर्ट पर निर्णय देने वाला है इसलिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया। जिस जगह पर 400 साल से मस्जिद है आप उसे दबाना चाहते हैं। यह इनका सांप्रदायिकता की राजनीति है और उनका इस मामले में न्यायिक अतिरेक है।
स्वामी प्रयाद मौर्य ने जानिए क्या कहा?
ज्ञानवापी मामले पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि, ज्ञानवापी मस्जिद है इसलिए ये प्रकरण उच्च न्यायालय में गया है। अगर ये ज्ञानवापी मंदिर होता तो कोर्ट में ये प्रकरण जाता ही नहीं। विवाद की शुरूआत यही से शुरू हुई है कि वो ज्ञानवापी मस्जिद है। 5 वक्त की अभी भी उसमें नमाज पढ़ी जाती है। जब तक उच्च न्यायालय का कोई निर्णय अन्यथा नहीं आ जाता तब तक वो ज्ञानवापी मस्जिद है, इसको कोई इनकार नहीं कर सकता है। इसके साथ ही कहा कि, मुख्यमंत्री जी उच्च न्यायालय से बड़े नहीं है इतनी जल्दी क्या है? उच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार सबको करना चाहिए जब मामला न्यायपालिका में विचाराधीन है