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पाकिस्तान अब पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसेगा! दशकों के संधि में भारत करने जा रहा बदलाव

By Abhimanyu 
Updated Date

India-Pakistan Indus River Water Treaty: पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) की मुसीबतें भारत सरकार (Government of India) के एक फैसले से और बढ़ने वाली है। जिसको लेकर भारत ने पिछले महीने पाकिस्तान को नोटिस भेजा है। जिसमें मौजूदा हालातों को देखते हुए दशकों पुरानी सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) में बदलाव की मांग की गयी है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत सरकार (Government of India) ने 30 अगस्त को पाकिस्तान (Pakistan) को नोटिस भेजा था। जिसमें कहा गया कि आज के हालात में सिंधु जल संधि को बनाए रखना संभव नहीं है और इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि 1960 में अपनी स्थापना के बाद से ही एकतरफा जल संधि चली आ रही है और संधि के विभिन्न अनुच्छेदों का वास्तविक मूल्यांकन (Actual Valuation) किए जाने की जरूरत है।

भारत सरकार ने कहा है कि सिंधु नदी के पानी का उपयोग और जनसांख्यिकी (Demographics) बदल रही है। इस बीच भारत स्वच्छ ऊर्जा की तरफ आगे बढ़ रहा है और ऐसे में हमें संधि में बदलाव पर विचार करना चाहिए। इस नोटिस में पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकी गतिविधियों का भी जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान, भारत की उदारता का अनुचित लाभ उठा रहा है, और ऐसे में इस संधि पर दोबारा से सोचने की जरूरत है।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर, 1960 को सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) पर साइन किया गया था। इस समझौते के तहत सिंधु नदी में जुड़ने वाली सहायक नदियों के पानी के बंटवारे और इसके सही इस्तेमाल को लेकर नियम बनाए गए थे। अब भारत इस समझौते में बदलाव चाहता है।

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