इस्लामाबाद। भारत कई सालों से विश्व मंचों पर पाकिस्तान के द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने व कई हमलों के सबूत तक भी दुनिया को दिखा चुका है। मौके मौके पर पाकिस्तान को आतंकवाद को को पनाह न देने की हिदायत दी जाती है, लेकिन वह बाज नहीं आता। अब उसकी चपेट में चीन भी आ गया है, जिससे ड्रैगन भी भयभीत है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बम विस्फोट की घटना में नौ चीनी इंजीनियरों सहित तेरह लोगों की मौत के बाद अब बीजिंग की नींद उड़ गई है।
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मारे गए इंजीनियर दासू बांध परियोजना में काम कर रहे थे। परियोजना पर काम कर रही कंपनी ने सभी पाकिस्तानी कामगारों की सेवाएं समाप्त कर कार्यस्थल से बाहर निकाल दिया है। इस कार्रवाई से चीनी नागरिकों को फिर हमले का डर सता रहा है। उधर अमेरिका ने पाकिस्तान को दो टूक नसीहत दी है। उसका कहना है कि एफएटीएफ की काली सूची में जाने से बचना है तो खूंखार आतंकियों को पकड़ कर सजा देना सुनिश्चित करे।
ज्ञात हो, पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीइसी) के तहत कई परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें हजारों चीनी नागरिक विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं। पिछले बुधवार को परियोजना स्थल के पास एक बस में बम विस्फोट में नौ चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी। घटना को पाकिस्तान ने दबाने की कोशिश में महज हादसा बताया। बाद में जब चीन ने आंख दिखाई तो गृह मंत्रालय ने बम विस्फोट को आतंकी घटना बताकर जांच शुरू कर दी।