पंचांग: मंगलवार, 17 मई, 2022
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विक्रम संवत – 2079, राक्षस :
शक संवत – 1944, शुभकृतो
पूर्णिमांता – ज्येष्ठ :
अमंत मास – वैशाख
तिथि
कृष्ण पक्ष प्रतिपदा – 16 मई 09:44 पूर्वाह्न – 17 मई 06:25 पूर्वाह्न
कृष्ण पक्ष द्वितीया [तिथि क्षय] – 17 मई 06:25 पूर्वाह्न – 18 मई 03:00 पूर्वाह्न
कृष्ण पक्ष तृतीया – 18 मई 03:00 पूर्वाह्न – 18 मई 11:37 अपराह्न
नक्षत्र
अनुराधा – 16 मई 01:18 अपराह्न – 17 मई 10:46 पूर्वाह्न
ज्येष्ठ – 17 मई 10:46 पूर्वाह्न – 18 मई 08:09 पूर्वाह्न
करण
कौलवा – 16 मई 08:06 अपराह्न – 17 मई 06:25 पूर्वाह्न
तैतीला – 17 मई 06:25 पूर्वाह्न – 17 मई 04:43 अपराह्न
गरिजा – 17 मई 04:43 अपराह्न – 18 मई 03:00 पूर्वाह्न
वनिजा – 18 मई 03:00 पूर्वाह्न – 18 मई 01:18 अपराह्न
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योग
शिव – 17 मई 02:31 पूर्वाह्न – 17 मई 10:37 अपराह्न
सिद्ध – 17 मई 10:37 अपराह्न – 18 मई 06:44 अपराह्न
वारा
मंगलवार (मंगलवार)
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय – 5:48 AM
सूर्यास्त – 6:57 अपराह्न
चंद्रोदय – मई 17 8:34 अपराह्न
चंद्रास्त – मई 18 7:27 AM
अशुभ काल
राहु – 3:40 अपराह्न – 5:19 अपराह्न
यमगंडा – 9:06 पूर्वाह्न – 10:44 पूर्वाह्न
गुलिक – 12:23 अपराह्न – 2:02 अपराह्न
दुर मुहूर्त – 08:26 पूर्वाह्न – 09:19 पूर्वाह्न, 11:17 अपराह्न – 12:01 पूर्वाह्न
वर्ज्यम – 03:46 अपराह्न – 05:11 अपराह्न
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – 11:56 पूर्वाह्न – 12:49 अपराह्न
अमृत काल – 12:19 पूर्वाह्न – 01:44 पूर्वाह्न
ब्रह्म मुहूर्त – 04:12 पूर्वाह्न – 05:00 पूर्वाह्न
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आनंददी योग
वज्र तक – 10:46 AM
मुदगरी
सूर्या रसी
वृषभ (वृषभ) में सूर्य
चंद्र रासी
वृषिका (वृश्चिक) के माध्यम से चंद्रमा यात्रा करता है
चंद्र मास
अमंता – वैशाख :
पूर्णिमांता – ज्येष्ठ :
शक वर्ष (राष्ट्रीय कैलेंडर) – वैशाख 27, 1944
वैदिक ऋतु – वसंत (वसंत)
ड्रिक रितु – ग्रिश्मा (ग्रीष्मकालीन)
चंद्राष्टम
1. अश्विनी, भरणी, कृतिका प्रथम 1 पदम
गंडमूल नक्षत्र:
1. मई 17 10:46 पूर्वाह्न – 18 मई 08:09 पूर्वाह्न (ज्येष्ठ)