नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के सातवें दिन प्रधानमंत्री लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए यूपीए (UPA) सरकार पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी (PM Modi) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा का खाका बताया और खुशी जताई कि किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं जताई है। एक दिन पहले ही धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर तीखे वार किए थे और कई सवाल किए थे। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया था।
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पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि अंतर्मन की चीजें उनको चैन से सोने भी नहीं देतीं। 2004 से 2014 आजादी के बाद सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा। वही 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत के हर कोने में आतंकी हमले होते रहे। यही सूचना चलती रही कि अनजानी चीज को हाथ मत लगाना। 10 साल में कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा। ग्लोबल प्लेटफॉर्म (Global Platform)पर भारत की आवाज इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी। इनकी निराशा का कारण ये भी है कि आज जब देश के 140 करोड़ लोगों को सामर्थ्य खिल रहा है। 4 से 14 तक इन्होंने वो अवसर गंवा दिया और हर मौके को मुसीबत में पलट दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) में चौथे नंबर पर, मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग (Mobile Manufacturing) में दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाने का जिक्र किया और कहा कि आज खिलाड़ी अपना रुतबा दिखा रहे हैं। भारत का दुनिया में डंका बज रहा है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन गया है।
आज देश में हर क्षेत्र में आशा ही आशा नजर आ रही है लेकिन कुछ लोगों को ये नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने स्टार्ट अप्स के तेजी से बढ़ने का भी जिक्र किया और कहा कि आज देश में 109 यूनिकॉर्न बन चुके हैं। उन्होंने काका हथरसी को कोट करते हुए कहा कि जिसकी जैसी सोच होगी, उसे वैसा ही नजर आएगा। पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि कुछ लोग निराश हैं। ये निराशा भी ऐसे नहीं आई। एक तो जनता का हुकुम, बार-बार हुकुम। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले अर्थव्यवस्था खस्ता हो गई, महंगाई डबल डिजिट (Double Digit Inflation) में रही। कुछ अच्छा होता है निराशा और उभरकर सामने आ जाती है।