PM Modi’s speech in the Central Hall: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी। इससे पहले पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी दलों के सांसदों ने पुरानी संसद में फोटो शूट में हिस्सा शामिल हुए। जिसके बाद पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में संयुक्त सत्र के विशेष कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम पीएम मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
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पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने कहा कि ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। उन्होंने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है। जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया। आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते।
25 वर्षों में बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा : पीएम मोदी
सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने कहा कि अमृतकाल के 25 वर्षों में भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने की दिशा में काम करना होगा। हमारे यहां निर्मित डिजाइन, हमारे सॉफ्टवेयर, हमारे कृषि उत्पाद, हमारे हस्तशिल्प हर क्षेत्र में अब हमें वैश्विक मापदंडों को पार करने के इरादे से ही चलना होगा।
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मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय हमारी पहली शर्त है। बिना सामाजिक न्याय, बिना संतुलन, बिना समभाव के हम इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते। लेकिन सामाजिक न्याय की चर्चा बहुत सीमित बनकर रह गई है। हमें उसे एक व्यापक रूप में देखना होगा। उन्होंने कहा कि देश का पूर्वी भाग समृद्धि से भरा हुआ है। लेकिन वहां के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे इलाकों में जाना पड़ता है। ये स्थिति हमें बदलनी है और देश के पूर्वी भाग को समृद्ध बनाकर सामाजिक न्याय को मजबूती भी देनी है।