PM Security Breach: जनवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) से ठीक पहले सूबे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सुरक्षा चूक मामले में भगवंत मान सरकार (Bhagwant Maan Government) ने रविवार को बड़ा एक्शन लिया है। फिरोजपुर के तत्कालीन एसपी ऑपरेशन गुरबिंदर सिंह (SP Operation Gurbinder Singh) को निलंबित करने के बाद छह और पुलिस कर्मियों पर एक्शन लिया है। गुरबिंदर सिंह को ड्यूटी में कोताही का जिम्मेदार माना गया है। वह मौजूदा समय में बठिंडा में एसपी के पद पर तैनात थे। सरकार ने यह कार्रवाई 18 अक्तूबर 2023 को भेजी गई डीजीपी की रिपोर्ट के आधार पर की है। गुरबिंदर सिंह के अलावा डीएसपी परसन सिंह, डीएसपी जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर तेजिंदर सिंह, इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और एएसआई राकेश कुमार को भी निलंबित किया गया है।
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सरहद से 10 किलोमीटर दूर था पीएम मोदी का काफिला
पांच जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब के फिरोजपुर में दौरा था। उन्हें हुसैनीवाला जाना था। भारी बारिश के कारण पीएम सड़क मार्ग से वहां जा रहे थे लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर पहले रास्ते में प्रदर्शनकारी आ धमके थे। इससे पीएम का काफिला करीब 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र तलवंडी भाई-फिरोजपुर हाईवे पर बने फ्लाईओवर पर रुका रहा। यहां से पाकिस्तान सीमा की दूरी सिर्फ 10 किलोमीटर थी।
अधिकारी नहीं निभा सके अपनी जिम्मेदारी
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले की जांच के लिए पूर्व जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने पूरे घटनाक्रम की जांच की। पहले इस घटनाक्रम के लिए एसएसपी हरमनदीप हंस (SSP Harmandeep Hans) को ही जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर बनी कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव व डीजीपी की लापरवाही सामने आई थी। इसमें कहा गया कि जिस अधिकारी के पास जो जिम्मेदारी थी, वह उसे ठीक ढंग से निभा नहीं पाए। रिपोर्ट में कहा गया कि आईजी (SPG) आरआर भगत ने पुलिस अधिकारियों को समय से पहले ही इनपुट मुहैया करवाया था लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।
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कमेटी ने आठ महीने पहले सौंपी थी रिपोर्ट
कमेटी ने आठ महीने पहले अगस्त 2022 में यह रिपोर्ट अपेक्स कोर्ट और केंद्र सरकार को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने सितंबर 2022 में पंजाब सरकार (Punjab Government) को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।