यूपी में शिक्षक भर्ती का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। जहां कल अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया था। इस दौरान अभ्यर्थियों ने ‘योगी बाबा न्याय करो- सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करो’ का नारा भी लगा रहे थे । वही आज अभ्यर्थियों ने मायावती के आवास के सामने प्रदर्शन किया। मायावती के आवास के पास नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस पहुंची तो इसबीच उनसे भी तीखी बहस हो गयी। बता दें कि प्रदर्शनकारी छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं थे। वे बसपा सुप्रीमो से मिलने की मांग पर कायम रहे।
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गौरतलब है कि मॉल एवेन्यू स्थित मायावती के आवास के बाहर 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने नारेबाजी करते हुए बसपा सुप्रीमो से उनके समर्थन मांगने कि गुहार लगाई । हालांकि जब मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका तो अभ्यर्थी पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर अड़े गए। बता दें कि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल के हस्तछेप के बाद मामला किसी तरह शांत हुआ। फिर अभ्यर्थियों ने ज्ञापन मेवालाल को दिया। मेवालाल ने अभ्यर्थियों का आश्वासन दिया कि उनकी बात बसपा प्रमुख तक पहुंचाई जाएगी।
क्या है प्रदर्शनकारियों का आरोप
बवाल बढ़ता देख पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को घेर लिया, फिर उनको घसीटते हुए गाड़ियों में ले जाकर बैठा दिया. महिला पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को टांग कर गाड़ी में बैठाया. सभी को ईको गार्डन के पास ले जाकर छोड़ दिया. गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार की लचर पैरवी की वजह से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही.पिछले 5 वर्षों से रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती सरकार से बात करें.
क्या थी छात्रों की मांग
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एक टीवी चैनल संग बातचीत में शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने कहा कि वे बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती से अपनी समस्याओं को लेकर अपील करने आए हैं. उन्होंने बताया कि मायावती विपक्ष की नेता हैं और उनसे उम्मीद है कि वे उनकी समस्या को समझें और उठाएं. अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि 9 अक्टूबर की रैली में मायावती ने भारतीय जनता पार्टी सरकार की प्रशंसा की थी, इसलिए वे चाहेंगे कि उनका मुद्दा बीजेपी सरकार तक पहुंचाया जाए और उनकी मदद की जाए.