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प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर किया ध्वजारोहण, बोले- हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की जरूरत

By Abhimanyu 
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PM Modi’s Speech on 78th Independence Day: आज 15 अगस्त को पूरा भारतवर्ष आजादी का जश्न मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर पर ध्वजारोहण करने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। आजादी की 78वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है।

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78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 97 मिनट तक देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी कहा कि वो कानून जो देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए। देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है और गलत कानूनों का आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करना भारत के 140 करोड़ लोगों का कर्तव्य है और मैं इस पर बहस चाहता हूं। जो कानून सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण हैं उनका कोई स्थान नहीं है, हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनौतियां देश के भीतर भी हैं और बाहर भी हैं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने विकसित भारत 2047 पर जोर दिया। इसके अलावा, उनके भाषण के मुख्य बिन्दु बांग्लादेश के हालात, पाकिस्तान को चेतावनी, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, देश को इंडस्ट्रियल हब, गेमिंग में भारत के भविष्य, 6जी नेटवर्क, भारत न्याय संहिता, सेक्यूलर सिविल कोर्ट और बिहार के नालंदा यूनिवर्सिटी रहे है।

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