नई दिल्ली। निजीकरण को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर लगातार आरोप लगाये जा रहे हैं। सरकार हर सरकारी संस्थाओं में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। जिससे सरकार पर ये आरोप लग रहे हैं कि ये सब कुछ निजी हांथों में सौप देना चाहते हैं। रेलवे,बैंक और बिजली विभाग जैसी कई संस्थानें है जिसके निजीकरण करने के आरोप सरकार पर लगाये जा रहे हैं।
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रेलवे के निजीकरण के विशेष मुद्दे पर केंद्र सरकार में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा के अपने अभिभाषण में स्पष्ट राय रखा है। उन्होंने कहा है कि यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, रेलवे के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। ऐसे कामों के लिए निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा। रेलवे की पटरियों पर प्राइवेट सेक्टर की गाड़ियों को भी दौड़ाने की योजना का बचाव करते हुए पीयूष गोयल ने तर्क दिया कि सड़कें भी तो सरकार बनाती है तो क्या उस पर सिर्फ सरकारी गाड़ियां चलती हैं।
इस दौरान पीयूष लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब दे रहें थे। उन्होंने अपने अभिभाषण में देशवासियों को भरोसा दिलाया की रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने कहा, यदि हमें अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत धन की आवश्यकता होगी। इसके तहत रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के लिए व्यापक निजी निवेश किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र जब मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में हम सफल होंगे। गौरतलब है कि सोमवार को चर्चा के दौरान कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर सहित कुछ अन्य सदस्यों ने रेलवे का निजीकरण करने का प्रयास किए जाने से संबंधी टिप्पणी की थीं।