नई दिल्ली। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद राधिका खेड़ा ने भाजपा में शामिल हो गईं हैं। दो दिनों पूर्व उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद आज वो भाजपा में शामिल हो गईं। राधिका खेड़ा ने अपने साथ छत्तीसगढ़ में दुर्व्यवहार करने और साजिश रचने का आरोप लगाया था।
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कांग्रेस छोड़ने से पहले राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया था कि, छत्तीसगढ़ में उनके साथ अभद्रता की गयी। आरोप है कि, जब उन्होंने इसके बारे में पार्टी के शीर्ष नेताओं को जानकारी दी, तब आरोपी नेताओं के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद हताश होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया।
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि, मैं परसों तक कांग्रेस में रही और न्याय मांगती रही परन्तु जो अपनी पार्टी की बेटी को न्याय नहीं दे सके। जिसने अपने जीवन के 22 साल पार्टी को दे दिया उसे न्याय नहीं दे पाए तो जनता भी देख रही है कि वो उन्हें क्या न्याय दे पाएंगे। मैं देश की जनता को कहना चाहूंगी कि जो अपना घर नहीं संभाल पा रहे हैं, वो जो 5 न्याय में से एक महिला न्याय की बात कर रहे हैं वह वो पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो वह किसी के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे।
बता दें कि, राधिका खेड़ा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा था कि, आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि, हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से ख़ुद को रोक नहीं पाई।
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राधिका खेड़ा ने आगे लिखा कि, मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया। मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया। प्रभु श्री राम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूं। बार बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है।