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Rahul Gandhi Golden Temple Visit : राहुल गांधी फिर पहुंचे गोल्डन टेंपल, महिलाओं के साथ काटी सब्जी, धोए जूठे बर्तन

By संतोष सिंह 
Updated Date

Rahul Gandhi Golden Temple Visit : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर मंगलवार को ऐतिहासिक गोल्डन टेंपल (Golden Temple) पहुंचे है। जहां वे आज गोल्डन टेंपल (Golden Temple) के लंगर घर में सेवा करते नजर आए। उन्होंने लंगर घर में महिलाओं के साथ सब्जी व लहसुन काटा। 24 घंटे में यह तीसरी दफा है, जब वे गोल्डन टेंपल (Golden Temple)  सेवा करने पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने परिक्रमा में छबील पर बैठ काफी समय तक पानी की सेवा की। ये देख श्रद्धालु भी हैरान थे। लोग खुद करीब जाकर उनसे बात भी कर रहे थे और पानी भी ले रहे थे।

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अचानक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को अपने बीच पाकर वहां मौजूद अन्य श्रद्धालु भी हैरान रह गए। कांग्रेस सांसद बिल्कुल किसी आम श्रद्धालु की तरह मन से लंगर हॉल में सेवा करते नजर आए। इससे जुड़ा उनका फोटो वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायल हो रहा है।

वहीं उनके इस दौरे पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सवाल उठाए हैं। कमेटी ने कहा कि ये पश्चाताप नहीं है। वहीं, इस दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पालकी साहिब के दर्शन भी किए। गुरुघर के द्वार बंद होने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) साफ सफाई की सेवा में जुट गए। उन्होंने कपड़ा पकड़ा और रेलिंग की सफाई का काम शुरू कर दिया। गोल्डन टेंपल (Golden Temple)  में सेवा कर रहे युवकों के साथ वह हाथ से हाथ बंटाते दिखे।

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राहुल गांधी की सेवा को न कहें  पश्चाताप : SGPC

SGPC जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल (SGPC General Secretary Gurcharan Singh Grewal) ने कहा कि सिख मर्यादा के अनुसार इस घर में कोई भी आ सकता है। यहां चढ़ के आए को तेग, निम के आए को देग। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने यहां सेवा की, इसलिए उसे देग दी गई। लेकिन उनकी सेवा को पश्चाताप कहना गलत होगा। जो उन्हें यहां आकर कहना था और उन्होंने नहीं कहा, वे राजनीति थी। ग्रेवाल ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उस परिवार का हिस्सा हैं, जिनकी दादी ने श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) को गिराया और पिता ने दिल्ली में सिखों का कत्लेआम किया। लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib)  पूरी बुलंदी पर खड़ा है। 40 साल से जख्म वैसा का वैसा ही है। उनकी इस सेवा को पश्चाताप नहीं कहा जा सकता।

दिल्ली में विधवाओं की बस्ती में क्यों नहीं गए राहुल?

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ग्रेवाल ने कहा कि उनके पिता राजीव गांधी को मारने वाली नलनी को मिलने के लिए प्रियंका जेल में जा सकती है। लेकिन क्या राहुल गांधी (Rahul Gandhi) विधवाओं की बस्ती में गए हैं, जहां दिल्ली में कत्लेआम हुआ। क्योंकि सिख सिर्फ 2 प्रतिशत हैं और नलनी हिंदू थी और उनका वोट बैंक उन्हें चाहिए। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कभी बोला कि उनके साथ कुर्सियों में बैठने वाले माकन व जगदीश टाइटलर आदि कातिल हैं। ऐसे में राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने जो नहीं बोला, वे राजनीति थी। सेवा करना ना राजनीति है और ना ही पश्चाताप।

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