नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि मूल ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) देश से 150 साल पहले ही खत्म हो गई थी, लेकिन अब उसकी जगह नई नस्ल के एकाधिकारवादियों (सिंडिकेट) ने ले ली है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने अपनी व्यापारिक ताकत के दम पर नहीं, बल्कि भारत पर नियंत्रण कर देश को गुलाम बनाया। बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक मीडिया संस्थान के लिए लिखे लेख में ये बातें कही हैं।
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस लेख को सोशल मीडिया पर भी साझा किया है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लिखा कि ‘ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने हमारे देश के राजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी कर, उन्हें रिश्वत देकर या फिर डरा-धमकाकर इस देश पर नियंत्रण किया। उन्होंने हमारे देश के बैंकिंग, प्रशासनिक और सूचना तंत्र पर नियंत्रण किया। हम किसी देश से अपनी आजादी नहीं हारे बल्कि हमें एक एकाधिकारवादी निगम ने हराया और फिर दमनकारी तंत्र चलाया। अब मूल ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) तो खत्म हो गई है, लेकिन अब उसकी जगह एकाधिकारवादियों की नई नस्ल ने ले ली है।’ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस लेख को केंद्र सरकार पर हमला माना जा रहा है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अक्सर सरकार पर कुछ पूंजीपतियों का समर्थन करने का आरोप लगा चुके हैं।
Choose your India:
Play-Fair or Monopoly?
Jobs or Oligarchies?
Competence or Connections?
Innovation or Intimidation?
Wealth for many or the few?I write on why a New Deal for Business isn't just an option. It is India's future. pic.twitter.com/sGbC89ZFMF
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 6, 2024
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लेख में लिखा कि ‘ये एकाधिकारवादी बहुत ज्यादा संपत्ति अर्जित कर रहे हैं, जबकि भारत देश सभी का है और इससे असमानता बढ़ रही है।’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने लिखा कि ‘हमारे संस्थान अब हमारे लोगों के नहीं हैं, वे एकाधिकारवादियों के इशारे पर चलते हैं। लाखों व्यवसाय नष्ट हो गए हैं और भारत अपने युवाओं के लिए रोजगार पैदा नहीं कर पा रहा है।’ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जोर देकर कहा कि ‘अपना भारत चुनें: निष्पक्ष खेल या एकाधिकार? नौकरियां या कुलीनतंत्र? योग्यता या संबंध? नवाचार या डराने-धमाकाने वाला माहौल? संपत्ति सभी के लिए या फिर बस कुछ लोगों के लिए?’
गांधी ने अपने लेख में कहा कि ‘भारत माता अपने सभी बच्चों की मां हैं। उनके संसाधनों और सत्ता पर कुछ लोगों का एकाधिकार भारत मां को चोट पहुंचाता है। मैं जानता हूं कि भारत के सैकड़ों प्रतिभाशाली कारोबारी, एकाधिकारवादियों से डरते हैं। क्या आप उनमें से एक हैं? आप एकाधिकारवादियों द्वारा राज्य के साथ सांठगांठ करके आपके क्षेत्र में घुसने और आपको कुचलने से डरते हैं? आयकर, सीबीआई या ईडी के छापों से डरते हैं जो आपको अपना व्यवसाय उन्हें बेचने के लिए मजबूर करेंगे? वे आपको हराने के लिए खेल के नियमों को बीच में ही बदल देंगे?’
गांधी ने कहा कि ‘मेरी राजनीति हमेशा से कमज़ोर और बेज़ुबानों की रक्षा करने के बारे में रही है। मैं गांधी जी के उन शब्दों से प्रेरणा लेता हूं, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘पंक्ति’ में खड़े आखिरी व्यक्ति की रक्षा करनी चाहिए। इसी दृढ़ विश्वास ने मुझे मनरेगा, भोजन का अधिकार और भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया। मैं आदिवासियों के साथ खड़ा रहा।’