Maharashtra government’s action on Nagpur violence: नागपुर हिंसा के आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई जारी है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही करवाई जाएगी। अगर वह भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी। जरूरत पड़ने पर बुलडोजर की कार्रवाई भी की जा सकती है।
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महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया को बताया कि नागपुर हिंसा मामले में अब तक 104 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे भी गिरफ्तारियां होंगी।’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। अब तक 68 सोशल मीडिया पोस्टों की पहचान कर उन्हें डिलीट किए जा चुके हैं। हालांकि, सीएम फडणवीस ने इस घटना में विदेशी ताकत या बांग्लादेशी लिंक होने की बात से इंकार किया है।
फडणवीस ने बताया कि हिंसा का कोई राजनीतिक एंगल भी सामने नहीं आया है। उन्होंने इंटेलिजेंस का बचाव करते हुए कहा कि यह घटना खुफिया तंत्र की नाकामी नहीं है, लेकिन सूचना तंत्र और मजबूत हो सकता था। वहीं, सीएम ने हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों से छेड़छाड़ के दावों को भी खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी हुई, लेकिन किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई।
बता दें कि नागपुर में हिंसा एक अफवाह के बाद फैली थी। जिसमें दावा किया गया था कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयत लिखी चादर जलाई गई। हिंसा के दौरान डीसीपी स्तर के 3 अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी व ‘माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी’ की शहर इकाई प्रमुख फहीम खान और 5 अन्य के खिलाफ राजद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। वहीं, अब तक कुल 105 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 10 किशोर भी हिरासत में लिए गए हैं।