लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने कक्षा 6 से 8 तक के सभी सरकारी अपर प्राइमरी स्कूलों को खोलने का निर्देश जारी किया है। इसी के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया और बेसिक शिक्षाधिकारी बीएन सिंह ने के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को स्कूलों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि स्कूल के गेट पर हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही बच्चों को कमरों में प्रवेश दिया जाय। सभी स्कूलों में हैंड वाश रखने के भी निर्देश हैं। साथ ही अभिभावकों से अपील की कि वह अपने बच्चों को घरों से ही मास्क लगाकर स्कूल भेजेंं।
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मार्च के बाद अब सरकारी स्कूल खुलने जा रहे हैं। कोविड-19 के चलते अभी तक सभी प्राइमरी और जूनियर स्कूल बंद चल रहे थे। शासन का निर्देश जारी होने के बाद डीआईओएस और बीएसए ने जिले के सभी प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल के हिसाब से व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अभी स्कूल कक्षा 6 से 8 तक के खोले जा रहे हैं। स्कूल दस फरवरी बुधवार से खोले जाएंगे। करीब चार दिन का समय है। समस्त शिक्षक कोविड-19 के तहत सभी व्यवस्था स्कूलों में कर लें।
प्राइवेट और सरकारी स्कूलों ने शुरु की तैयारी
हालांकि माध्यमिक के स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई चल रही है। ऐसे में उन्हें सिर्फ कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को बैठाने की व्यवस्था पर ही ध्यान देना है। मगर प्राइमरी स्तर तक के स्कूलों में कोविड-19 के नियमों के तहत व्यवस्था की जानी है। प्राइवेट स्कूलों ने शासन के आदेश के बाद से तैयारी शुरु कर दी है। वहीं कुछ प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों ने भी तैयारी शुरु कर दी। स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय शाही ने कहा कि स्कूल में सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजें। उनके बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बीएसए ने दिए निर्देश
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-बच्चे स्कूल में मास्क लगाकर ही आएं, इसे शिक्षकों को ध्यान देना होगा
-जो बच्चा मास्क लगाकर नहीं आएगा, उसके अभिभावकों को इसके लिए प्रेरित करेंगे
-स्कूल में प्रवेश के समय बच्चों के हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे
-बच्चों को क्लास में 1 मीटर की दूरी बनाकर बैठाया जाएगा
-हाथ धोने के लिए स्कूल में हैंड वाश रखना जरूरी होगा
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-मिड डे मील खाने से पहले बच्चों को साबुन और हैंड वॉश से हाथ धोना जरूरी होगा
-सुबह बच्चों की प्रार्थना भी दूरी बनाकर कराई जाएगी
स्कूल भेजेंं की न भेजेंं, अभिभावक असमंजस में
सरकार के स्कूल खोलने के आदेश का जहां कुछ अभिभावकों ने स्वागत किया है वहीं कुछ ने इस पर एतराज जताया है। कुछ अभिभावकों का कहना है कि जब तक सभी लोगों को टीके नहीं लग जाएंगे तब तक छोटे बच्चों को स्कूल भेजना घातक होगा।
अभी खतरा टला नहीं है। सरकार की तरफ से सिर्फ चिकित्सक, पुलिस और प्रशासन के लोगों को टीका लगवाया है। अन्य सभी लोग वैसे ही है। ऐसे में कैसे मान लिया जाय कि बच्चे बीमार नहीं होंगे। सत्र भी लगभग खत्म होने वाला है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजने से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। पूरे साल ऑनलाइन पढ़ाई से छोटे बच्चों की पूरी पढ़ाई अधूरी ही है। एक महीने के लिए स्कूल भेजना बेवकूफी है।
अजीत तिवारी, दक्षिणी बेतिहाता
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अभी तक बच्चों को कोरोना का टीका लगने का इंतजार हो रहा था अब बच्चों को शासन और प्रशासन द्वारा स्कूल खोलने का इंतजाम हो गया है। ऐसे में यह नहीं समझ में आ रहा है कि कोरोना टीका से आम जनमानस अभी कोषो दूर है। शासन की माने तो करीब एक माह बाद बुजूर्गो को टीका लगना शुरु होगा। फिर बच्चों को स्कूल कैसे भेजा जाय। बच्चे बीमार नहीं होंगे क्या इसकी गारंटी प्रशासन और स्कूल प्रशासन लेगा।
राहुल, बगहाबाबा, रुस्तमपुर