नई दिल्ली: धरती अपनी धुरी पर नियमित से तेज घूम रही है। इसके चलते दिन का समय कम हो गया है। एक चक्कर लेने में अब धरती इस समय 24 घंटे में 0.5 मिली सेकेंड कम समय ले रही है। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खगोलीय विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इससे साल जल्दी पूरा हो गया और इसे मैनेज करना होगा। इसके लिए लीप सेकेंड जोड़े जाने पर विचार किया जा रहा है। तेज गति से घूम रही है धरती, जानिए क्या होगा असर? | वनइंडिया हिंदी 50 साल में सबसे तेज घूमी धरती विशेषज्ञों के मुताबिक, पृथ्वी पिछले 50 सालों में किसी भी समय की तुलना में तेजी से घूम रही है।
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धरती के घूमने की गति में ये बदलाव पिछले साल से देखने को मिला है। 2020 के मध्य में ये देखने को मिला था। जिसके बाद धरती 24 घंटे से 0.5 मिलीसेकेंड कम समय लेकर अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा कर रही है। 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.4602 मिली सेकेंड कम था और पिछले 12 महीनों में ये रिकॉर्ड कुल 28 बार टूटा है। इस साल दिखेगा ज्यादा असर पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के घूमने की रफ्तार का असर 2021 में ज्यादा देखने मिलेगा। साइंटिस्ट पीटर व्हिबर्ली ने कहा कि पृथ्वी अपने तय समय से कम समय में एक चक्कर पूरा कर रही है इसलिए हो सकता है कि समय के साथ चलने के लिए निगेटिव लीप सेकंड जोड़ना पड़े। उन्होंने बताया है कि 1970 से अब तक 27 लीप सेकंड जोड़े जा चुके हैं।
पिछली बार साल 2016 में लीप सेकंड जोड़ा गया था। क्या होगा इससे जिंदगी पर असर विशेषज्ञों ने बताया है कि 1960 के बाद से अटॉमिक घड़ियां दिन की लंबाई का सटीक रेकॉर्ड रखती आई हैं। घड़ियां कहती हैं कि अब औसतन हर दिन 0.5 सेकंड पहले खत्म हो रहा है। पृथ्वी अपनी धुरी पर ज्यादा तेजी से घूम रही है, इसकी वजह से सभी देशों का समय बदल जाता है। इससे हमारी संचार व्यवस्था में भी दिक्कतें आ सकती हैं। इसके अलावा सैटलाइट और संपर्क उपकरण सोलर से संपर्क में भी परेशानी हो सकती है।