नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष (President of Wrestling Federation of India) और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवान अब काफी मुखर हो गए हैं। गुरुवार को ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी उषा और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Sports Minister Anurag Thakur) के बयान पर पहलवानों ने खुलकर आपत्ति जताई। पहलवानों का आरोप है कि तीन महीने पहले हुए बंद कमरे में समझौते की शर्तों को लेकर चेतावनी दी है। पहलवानों ने यह भी कहा कि मध्यस्थता के वक्त कई बार बैठक में हमें डराया गया।
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पहलवान बजरंग पुनिया (Wrestler Bajrang Punia) ने कहा कि खेल मंत्री कह रहे हैं कि 12 घंटे हम लोगों से बातचीत की है, सच यह है कि उन्होंने ठीक से 12 मिनट भी बात नहीं की है। बता दें कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर(Sports Minister Anurag Thakur) ने कहा था कि हमने 12 घंटे तक पहलवानों को सुना और एक कमेटी बनाई। हम भी निष्पक्ष जांच चाहते हैं, 14 बैठकें हुईं। सभी को एक निरीक्षण समिति के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। वहीं, ठाकुर के इस बयान पर पहलवानों ने पलटवार किया है।
खेल मंत्री क्या 3 महीने से लगातार बिजी हैं?
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने 27 अप्रैल की रात मीडिया से कहा कि खेल मंत्री ने 12 घंटे तो क्या हमें कुल 12 मिनट का भी समय नहीं दिया। बजरंग ने यह भी आरोप लगाया कि खेल मंत्री ने उस घटना के बाद से एक बार भी मिलने की जहमत नहीं उठाई। जब भी हमने कोशिश की, उनके अधिकारी यही कहते रहे कि साहब बिजी हैं। क्या साहब पिछले 3 महीने से लगातार बिजी हैं?
बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कहा कि मंत्री जी बोल रहे हैं कि उन्होंने 12 घंटे खिलाड़ियों से बात की। एक बार आप खेल मंत्री जी से पूछिए की कितनी देर बैठे रहे खिलाड़ियों के बीच । दो-चार मिनट खिलाड़ियों के बीच बैठे रहे और उनके अधिकारी खिलाड़ियों के साथ मध्यस्थता कर रहे थे।’ यह पूछे जाने पर कि अनुराग ठाकुर जी ने कहा है कि हम खिलाड़ियों से लगातार बात कर रहे थे, इस पर बजरंग पूनिया ने कहा कि हमारी उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है, जब से उनके घर से उठ कर आए हैं तब से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Sports Minister Anurag Thakur) ने कोई फोन नहीं किया। हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है।’
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सिर्फ बबीता को ही क्यों निगरानी समिति में किया शामिल
बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा,कि वह बोल रहे हैं कि उन्होंने हमारे बोलने से बबीता जी को निगरानी समिति में शामिल किया है। कमेटी वालों की तो आपस में ही लड़ाई चल रही है।’ इस बीच विनेश फोगाट ने कहा, ‘हमने तो 6 लोगों के नाम थे फिर एक को ही शामिल किया गया। हम तो 3-4 लोगों के नाम पर अड़े हुए थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ बबीता का ही नाम निगरानी समिति में क्यों डाला?’
जो खुद ही झगड़ रहे हैं, उनसे न्याय की कैसे करें उम्मीद
यह पूछे जाने पर कि आपने कहा है कि बबीता से निगरानी समिति की रिपोर्ट पर जबरदस्ती हस्ताक्षर (सिग्नेचर) कराए गए हैं, विनेश फोगाट ने कहा, ‘हमने नहीं बोला है, बबीता जी ने खुद इंटरव्यू में बोला है कि मेरे हाथ से रिपोर्ट रिपोर्ट छीन ली। मेरे साथ बदतमीजी की। अगर कमेटी के लोग आपस में ही झगड़ रहे हैं तो वह हमारे साथ क्या न्याय करेंगे। हम उनसे क्या उम्मीद करें?’
एक लड़की के आरोप पर ही क्यों नहीं हो रहा एक्शन: बजरंग पूनिया
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इस दौरान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कहा कि राधिका श्रीमन ने बयान दिया है कि एक महिला खिलाड़ी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। मेरा कहने का मतलब यह है एक ने तो लगाया है ना यौन शोषण का आरोप। उसकी सजा भी तो होती होगी। वह भी तो भारत की बेटी है, क्यों जब 30 लड़कियां इकट्ठा होकर बोलेंगी तभी सजा होगी। एक की शिकायत पर तो एक्शन लीजिए, आप तो बोल रहे हैं कि खिलाड़ियों ने कोई सबूत ही नहीं दिया।’
खेल मंत्री की ओर से यह बयान आया है कि निगरानी समिति के सामने वे खिलाड़ी नहीं आए जिन्होंने पहले अपनी बात रखने का दावा किया था, इस सवाल पर बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) ने कहा, खिलाड़ी आए हैं। 12-13 लड़कियों ने बयान दिए हैं। कुल मिलाकर 15-16 लोगों ने बयान दिए हैं कमेटी के सामने, लेकिन कमेटी के मेंबर खुद ही बता रहे हैं। बबीता ने सामने आकर बता दिया कि खिलाड़ियों के बयानों को कम करके बताया जा रहा है।’
हम हवा में तीर नहीं मार रहे हैं, हमारे पास भी हैं प्रूफ
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने कहा कि हमारे पास प्रूफ भी हैं कि कौन लोग थे कौन लोग नहीं थे? ऐसा ना समझें कि हम हवा में तीर लगा रहे हैं। सब चीज हमारे पास में है। जब हम मध्यस्थता कर रहे थे तो खेल मंत्री जी सिर्फ 1-2 मिनट के लिए अपना चेहरा दिखाने आ जाते थे। हमको मीटिंग के दौरान कई बार हमको डराया भी गया, लेकिन हमने डरकर कोई समझौता नहीं किया था।
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने कहा कि तो खेल मंत्री से पूछिए कि समझोता करते समय आपने कितना टाइम खिलाड़ियों को दिया था। उन्होंने 12 मिनट टोटल भी नहीं दिए होंगे, 12 घंटे तो दूर की बात है। क्या कमेटी बनने के बाद उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं थी कि किसी खिलाड़ी को फोन करें या उसके फोन का जवाब दें। उनके अधिकारी बोलते हैं कि सर बिजी हैं, सर बिजी हैं, क्या एक महीने तक बिजी थे या 3 महीने से बिजी ही चल रहे हैं।
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