Shakun Shastra : जीवन में लक्ष्यों को हासिल करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को समाज में आदर्श माना जाता है। प्राचीन धर्म शास्त्रों में जीवन को जीने के बारे में कदम कदम पर मार्गदर्शन मिलता है। जीवन में शुभ अशुभ को लेकर सदियों पहले से ही चर्चा होती आयी है।शकुन शास्त्र प्राचीन हिंदू ग्रंथ है। इस शास्त्र में शकुन- अपशकुन के बारे में बताया गया है। शास्त्रों में व्यक्ति के लिए नहाने का सही समय निर्धारित किया गया है।आइये जानते हैं जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू स्नान के बारे में शकुन शास्त्र से हमें क्या मार्गदर्शन मिलता है।
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1.ब्रह्म मुहूर्त में किये जाने वाले स्नान को ब्रह्म स्नान कहते हैं।
2.धूल में स्नान करता हुआ कौआ यदि बोले तो भी अच्छी वर्षा होती है।
3.देव स्नान ठीक सूर्योदय के बाद किया जाता है साथ में स्नान में विभिन्न मंत्रों का भी जाप किया जाता है।
4. खाना खाने के बाद किये जाने वाले स्नान को दानव स्नान कहा जाता है।
5.सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दिन ही रात के समय स्नान करना चाहिए।
6.नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना चाहिए, उसके बाद शरीर पर।
7.स्नान करते समय किसी मंत्र का जाप करना चाहिए। आप चाहे तो कीर्तन या भजन या भगवान का नाम भी ले सकते हैं।
8.नग्न या निर्वस्त्र होकर स्नान करना अशुभ माना जाता है।
9.सभी तरह के धार्मिक कार्य नहाने के बाद ही करना चाहिए।
10.शास्त्रों में बिना नहाए पूजा-पाठ करना वर्जित किया गया है।