नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अपनी खराब हवा (Toxic Air) के कारण लगातार मीडिया के सुर्खियों में है। इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने गुरुवार को इस वायु प्रदूषण (Air Pollution) के कारण दिल्ली में सामने आ रही चुनौतियों पर बयान दिया है। इस जटिल चुनौती के बीच थरूर ने तंज कसते हुए कहा कि नवंबर में जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेंगे, इंसानों के फेफड़े पर प्रदर्शन का दबाव और बढ़ेगा।
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सर्दियों का मौसम दिल्ली में दोहरी चुनौती लेकर आता है। इसी मौसम से ठीक पहले दीपावली जैसे त्योहार में होने वाली आतिशबाजी भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डालती है। गत दिनों 20 अक्तूबर को दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाद दिल्ली का एक्यूआई खतरनाक स्तर पर है। वायु गुणवत्ता खराब (Air Quality Deteriorates) होने के कारण दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में रहने वाले लोगों को सांस से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
थरूर अपनी तीखी टिप्पणी के कारण फिर चर्चा में आए
जैसे-जैसे नवंबर का महीना चढ़ेगा
फेफड़ों पर परफॉरमेंस का बोझ बढ़ेगा ! pic.twitter.com/628WoJLjC9— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 6, 2025
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आम तौर पर अपनी कठिन अंग्रेजी शब्दावली को लेकर चर्चा में रहने वाले थरूर ने लगातार बिगड़ती दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की वायु गुणवत्ता को लेकर एक्स हैंडल पर कटाक्ष किया। इस बार हिंदी भाषा में जारी बयान में थरूर ने लिखा, ‘जैसे-जैसे नवंबर का महीना चढ़ेगा, फेफड़ों पर परफॉरमेंस का बोझ बढ़ेगा!’ उन्होंने ये टिप्पणी छह नवंबर की सुबह 10 बजे की एक्यूआई की स्थिति को लेकर की।
सेहत से जुड़ी कौन सी चुनौतियों का सामना कर रहे लोग
गुरुवार को दिल्ली में धुंध भरी सुबह और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इस पर चिंता जताई है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक शाम तक एक्यूआई खराब होकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण दिल्ली के अस्पतालों में सांसद लेने में तकलीफ की शिकायत करने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों ने ब्रोंकाइटिस, अस्थना, साइनसाइटिस के मामलों में 22 से 25 फीसद तक उछाल आने की चेतावनी दी है।
डॉक्टरों के पास किन स्वास्थ्य समस्याओं की रिपोर्ट
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वायु प्रदूषण के कारण सेहत पर होने वाले असर को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पीजीआईएमईआर के प्रोफेसर डॉ पुलिन गुप्ता (PGIMER Professor Dr. Pulin Gupta) ने बताया, कई मरीज ‘साइनसाइटिस, नाक बहना, नाक से खून आना, सूखापन, आंखों से पानी आना, आंखों का लाल होना और नजर धुंधली होने’ की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
डॉ. पुलिन गुप्ता ने घरों से बाहर निकलने से बचने की सलाह
डॉ. पुलिन गुप्ता (Dr. Pulin Gupta) ने कहा, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) या तपेदिक जैसी बीमारियों से पहले से ग्रस्त लोग प्रदूषण से जल्दी प्रभावित होते हैं, क्योंकि इनके अंग अत्यंत संवेदनशील होते हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के अधिकारियों ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों- विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों से अपील की है कि घर से बाहर निकलने से परहेज करें। घरों से बाहर निकलते समय एहतियातन मास्क का उपयोग करने की सलाह भी दी गई है।
बीते 17 दिनों में अब तक कितनी जहरीली हुई हवा?
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में बृहस्पतिवार का में एक्यूआई घटने की खबर आई। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक एक्यूआई के आंकड़े में गिरावट दिल्ली की हवा साफ होने का संकेत नहीं है। दिल्ली-एनसीआर में बीते लगभग ढाई हफ्ते से सांस लेने में हो रही परेशानी को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के ठोस उपाय करने की जगह आंकड़ों का खेल किया जा रहा है। एक्यूआई के आंकड़े भले ही कम दिख रहे हैं, लेकिन दिल्ली की हवा अभी भी जहरीली है।