Shekhar Suman Untold Story: एक्टर शेखर सुमन (Shekhar Suman) ने अपने लाइफ की सबसे बड़ी घटना शेयर की. उन्होंने बताया कि किस तरह पूरी रात वो अपने बेटे का पार्थिव शरीर (Mortal Remains) लेकर रोते रहे और वो सबसे बड़ा दर्द था. फिल्म हीरामंडी के प्रमोशन के दौरान एक्टर शेखर सुमन ने अपनी लाइफ की सबसे बड़ी और दर्दनाक घटना बताई. दरअसल, उन्होंने बताया कि जब उनके बेटे की डेथ हुई थी तब उनका हाल कैसा था?
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आपको बता दें, संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की वेब सीरीज हीरामंडी को काफी पसंद किया जा रहा है. 1 मई से ये सीरीज नेटफ्लिक्स पर आई. इस सीरीज में शेखर सुमन और उनके बेटे अध्ययन सुमन काफी सालों बाद नजर आए. शेखर सुमन ने इस सीरीज में नवाब का रोल प्ले किया है जिसे काफी सराहा जा रहा.
इसी के प्रमोशन में शेखर सुमन ने एबीपी से बातचीत की और अपनी लाइफ का सबसे दर्दनाक किस्सा बताया. शेखर सुमन (Shekhar Suman) के बेट अध्ययन सुमन हैं और ये सभी जानते हैं लेकिन शायद ही कोई जानता होगा कि अध्ययन से पहले उनका एक और बेटा था. उसका नाम आयुष सुमन (Ayush Suman) था लेकिन लगभग 11-12 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था.
शेखर सुमन के बेटे आयुष को दिल की बीमारी थी जिसके इलाज के लिए एक्टर अमेरिका, लंदन तक गए लेकिन एक्टर के मुताबिक वो एक दुर्लभ बीमारी थी जिसका इलाज लगभग असंभव था. हार्ट ट्रांसप्लांट एक विकल्प था लेकिन वो इसके पक्ष में नहीं थे क्योंकि इसके बाद भी लाइफ बहुत खराब हो जाती है.
शेखर सुमन ने बताया कि जब आखिरी समय आया तो उनकी वाइफ अलका सुमन ने भगवान से ऐसी दुआ मांगी जो एक मां ने शायद ही अपने बच्चे के लिए कभी मांगी हो. एक्टर ने बताया कि उनका बेटा आयुष इतना दर्द और तकलीफ में था कि वाइफ ने भगवान से उसे उठा लेने की दुआ मांगी क्योंकि वो बहुत दर्द में था. उसके सभी ऑर्गेंस काम करने बंद हो रहे थे और उतनी ही तकलीफ उस बच्चे को हो रही थी.
शेखर सुमन ने आगे कहा, ‘हम उसे हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुझे याद है…मेरा बच्चा मेरे सीने से चिपका था और मैं उसके शरीर को सीने से लगाकर रातभर अगले पूरा दिन बस रोता रहा. मेरी वाइफ की हालत भी खराब थी लेकिन उसने खुद को संभाला क्योंकि उसे हम सबको संभालना था.’
एक्टर ने आगे कहा, ‘मेरे पिता इतने बड़े डॉक्टर उन्होंने कितनों की जिंदगी बचाई लेकिन उनका रो-रोकर बुरा हाल था क्योंकि वो अपने पोते को नहीं बचा पा रहे थे. मेरे घर का हाल बहुत खराब था और सबसे ज्यादा ये लग रहा था कि हमारा बच्चा हमारे सामने से दूर हो रहा है और हम उसे रोक भी नहीं पा रहे. इससे बड़ा दर्द किसी मां-बाप के लिए और क्या होगा कि उसका बच्चा उसके सामने दर्द और तकलीफ के साथ दम तोड़ रहा हो.’