नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए। इन आंकड़ों के सार्वजनिक होने के बाद सियासी तापमान बढ़ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले को लेकर भाजपा सरकार को घेरते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, कई संदिग्ध दानदाता हैं। ये लोग हैं कौन? ये कौन सी कंपनियां हैं? इतनी सारी कंपनियों ने ईडी, आईटी और सीबीआई छापों के बाद ही दान क्यों दिया है? ऐसी कंपनियों पर दबाव किसने डाला?
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मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा कि, पीएम मोदी कहते हैं, ”ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा”, लेकिन ऐसा लगता है कि उनका मतलब केवल यही था-”सिर्फ भाजपा को खिलाऊंगा”…उन्होंने आगे लिखा कि, भारतीय स्टेट बैंक की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि चुनावी बॉन्ड से जुटाए गए कुल पैसे में से बीजेपी को करीब 50 फीसदी चंदा मिला। जबकि प्रमुख विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को केवल 11% धन मिला।
उन्होंने आगे कहा कि, कई संदिग्ध दानदाता हैं। ये लोग हैं कौन? ये कौन सी कंपनियां हैं? इतनी सारी कंपनियों ने ईडी, आईटी और सीबीआई छापों के बाद ही दान क्यों दिया है? ऐसी कंपनियों पर दबाव किसने डाला? हम भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार की इस गाथा की जांच के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से उच्चतम स्तर की जांच की मांग करते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा कि, यह काफी चिंताजनक है कि एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। लेकिन, अवैध तरीके से करोड़ों-अरबों की संपत्ति अर्जित करने वाली बीजेपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसलिए, हम जांच के साथ-साथ मांग करते हैं कि चुनावी बांड योजना के माध्यम से प्राप्त धन की अवैध प्रकृति के कारण भाजपा के बैंक खातों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया जाना चाहिए।