Special Knowledge : सभ्यता की कहानी में भारत के प्राचीन ज्ञान की सार्थकता समय समय पर प्रमाणित होती रहती है। सनातन धर्म के प्राचीन ग्रंथों में जीवन को सरल सुगम बनाने के लिए तर्क संगत बातों का उल्लेख किया गया है। प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वज सजग रहे है। हमारे पूर्वजों ने वैदिक ज्ञान को स्थापित करके दुनिया को रास्ता दिखाया। जीवनशैली के कठिन चुनौतियों के सरल समाधान हमारे शास्त्रों में उपलब्ध। हमारे वेद पुराणों में बीमारी को रोकने के लिए स्वच्छता के उपदेश दिए गए हैं। संपूर्ण स्वच्छता बनाए रखने के लिए 5000 साल पहले सिखाए गए हिंदू अनुष्ठान, समय की कसौटी पर खरे उतर रहे है। आइये जानते है कुछ विशेष ज्ञानवर्धक बातों के बारे में जिसका वास्ता हम सब लोगों से प्रतिदिन पड़ता है।
पढ़ें :- Masik Shivratri 2024 : मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि इस दिन पड़ेगी, जानें डेट और पूजा मुहूर्त
पूजा के दौरान व्यक्ति को तिलक लगाया जाता है, क्योंकि तिलक लगाना शुभ माना जाता है। माथे पर तिलक लगाने से दिमाग में शांति और शीतलता बनी रहती है। चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार चावल को हवन में देवी देवताओ को चढ़ाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है। चावल का एक अन्य नाम अक्षत भी है इसका अर्थ कभी क्षय ना होने वाला या जिसका कभी नाश नही होता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि कच्चे चावल व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते है। यही वजह है कि पूजा के दौरान न केवल माथे पर तिलक लगाया जाता है।बल्कि पूजा की विधि संपन्न करने के लिए भी चावलों का इस्तेमाल किया जाता है।