Story of Sarfaraz Khan’s Struggle : किसी फिल्म का एक मशहूर डायलॉग है कि ‘अगर पूरी शिद्दत से किसी चीज़ को चाहो तो सारी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है।’ जोकि भारतीय क्रिकेट के उभरते हुए सितारे सरफराज खान (Sarfaraz Khan) पर सटीक बैठता है। जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने बल्ले से बार-बार कहर ढाया और भारतीय टीम का दरवाजा खटखटाते रहे। जिसका असर यह हुआ है कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में डेब्यू का मौका मिला है। हालांकि, सरफराज खान की इस सफलता के पीछे उनके पिता नौशाद खान का संघर्ष और उनका सपना प्रेरणास्रोत बना। ऐसे में हम आपको सरफराज खान के पिता के सपने और उनके संघर्ष की कहानी के बारे में बताने वाले हैं।
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अधूरा रह गया पिता का सपना
सरफराज खान का जन्म 27 अक्टूबर 1997 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था। उनके पिता नौशाद खान (Naushad Khan) भी अपने समय में क्रिकेट खेला करते थे। वह मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में खेल चुके हैं। सरफराज की मां तबस्सुम खान, एक गृहणी हैं। सरफराज खान ने रोमाना जहूर नाम की एक कश्मीरी लड़की से निकाह किया है। उनकी शादी 6 अगस्त 2023 को कश्मीर में शोफिया जिले के पशपोरा गांव में हुई थी। सरफराज खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से प्राप्त की है। वह अपनी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के कारण 4 साल तक स्कूल नहीं जा सके और प्राइवेट कोचिंग से गणित और अंग्रेजी की पढ़ाई की। वह पढ़ाई से ज्यादा समय क्रिकेट में दिया करते थे, इसलिए वह ज्यादा पढ़ाई नहीं कर सके। उन्होंने रिज़वी स्प्रिंगफील्ड स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की है।
सरफराज के दो भाई मुशीर खान और मोईन खान है, वह दोनों भाई भी सरफराज की तरह क्रिकेटर हैं। मुशीर मुंबई के अंडर-16 टीम के कप्तान रह चुके हैं। वह हाल ही में साउथ अफ्रीका में सम्पन्न हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा थे। दरअसल, सरफराज खान के पिता नौशाद खान खुद मुंबई के नामी क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन भारतीय टीम के लिए नहीं खेल पाये। ऐसे में उन्होंने अपने सपने को अपने बेटों के जरिए फिर से देखा और उन्हें आगे बढ़ाने में जुट गए।
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पिता नौशाद खान ने बेटों को बनाया क्रिकेटर
नौशाद खान ने ही सरफराज खान, उनके छोटे भाई मुशीर खान को ट्रेनिंग दी। नौशाद खान वैसे तो मुंबई में ही रहे, लेकिन वह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखते हैं. यही कारण है जब सरफराज खान बीच में मुंबई के लिए नहीं खेल पाए तो एक सीजन में उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए मैच खेले थे। नौशाद खान मुंबई में एक क्रिकेट अकादमी चलाते हैं, जहां से कई क्रिकेटर्स निकले हैं। इनमें उनके बेटों के अलावा कामरान खान, इकबाल अब्दुल्लाह जैसे नाम भी शामिल हैं, जो आईपीएल में चमक चुके हैं। वहीं, सरफराज खान ने अपने पिता का सपना पूरा करते हुए भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया है।
सरफराज खान के नाम रणजी में जबर्दस्त रिकॉर्ड
सरफराज़ खान बीते 15 सालों से घरेलू क्रिकेट में सुर्खियां बटोरते आए हैं, साल 2009 में उन्होंने ‘हैरिस शील्ड’ टूर्नामेंट में 439 रन बनाकर सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। सचिन ने 346 रन बनाए थे। सरफराज की इस उपलब्धि के बाद लोगों ने उन्हें ‘अगला तेंदुलकर’ जैसे उपनाम देना शुरू कर दिया था। वह एक दाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ-साथ लेग-ब्रेक गेंदबाजी करते रहे हैं। उन्होंने 2014 और 2016 में आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। अंडर-19 विश्व कप के इतिहास में सर्वाधिक 7 बार अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड उनके नाम है। वह घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं।
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सरफराज़ खान ने दिसंबर, 2014 में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था, और वह अब तक 45 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेल चुके हैं। इन मैचों की 66 पारियों में बैटिंग करते हुए उन्होंने 69.85 की शानदार औसत से 3912 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 14 शतक और 11 अर्धशतक जड़े हैं, जिसमें उनका हाई स्कोर 301* रनों का रहा है। इसके अलावा उन्होंने 37 लिस्ट-ए और 96 टी20 मुकाबले खेल लिए हैं। लिस्ट-ए की 27 पारियों में उन्होंने 34.94 की औसत से 629 रन बना लिए हैं और टी20 की 74 पारियों में 22.41 की औसत और 128.29 के स्ट्राइक रेट से 1188 रन बनाए हैं। लिस्ट-ए में उन्होंने 2 शतक लगाए हैं। वहीं, टी20 में उनके बल्ले से 3 अर्धशतक निकले हैं।
आईपीएल में करियर
सरफराज खान 17 साल की उम्र में आईपीएल खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बनें। उनकी बेस प्राइस 20 लाख रुपये थी। वह पिछले सीजन दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा थे। उन्हें फ्रेंचाइजी ने 2022 मेगा ऑक्शन में बेस प्राइस 20 लाख रुपये में खरीदा था, जबकि पिछले सीजन के लिए रिटेन किया था। हालांकि, सरफराज को 2023 में सिर्फ 4 मैच मिले थे। इस दौरान उन्होंने 53 रन बनाए थे, जबकि 30 रन बेस्ट स्कोर था। ओवरऑल आईपीएल करियर की बात करें तो 50 मैचों में 22.50 की औसत से 585 रन ठोके, जबकि 130.58 का स्ट्राइक रेट रहा। इसमें एक अर्धशतक उनके नाम है।
शानदार प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिल रहे थे मौके
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घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद सरफराज खान को भारतीय टीम में मौके नहीं मिल रहे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सरफराज खान की फिटनेस के कारण उन्हें मौके नहीं दिये जा रहे हैं। कथित तौर पर सरफराज खान की फिटनेस को अंतरराष्ट्रीय स्तर की होने के कारण उन्हें मौका न दिये जाने के दावे किए गए। इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में उनके आचरण को लेकर भी सवाल उठाए गए। साल 2015 में, अंडर-19 चैंपियनशिप सेमीफाइनल में मुंबई को जीत दिलाने के बाद सरफराज पर चयनकर्ताओं को कुछ आपत्तिजनक इशारे करने के आरोप लगे थे।
हालांकि, सरफराज ने इसके बावजूद मेहनत करना नहीं छोड़ा और शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम का दरवाजा खटखटाते रहे। उनकी इस जिद का ही नतीजा है कि आज वह भारतीय टीम के टेस्ट टीम के लिए डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। वहीं, बेटे के भारतीय टीम के डेब्यू पर पिता नौशाद खान अपने आंसुओं को रोक नहीं पाये। उन्होंने बेटे को मिली भारत की टेस्ट कैप को चूम लिया और सरफराज को गले लगा लिया।