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समाज को राह दिखाने का कार्य करते हैं शिक्षक : डॉ. दिनेश शर्मा

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक समाज को राह दिखाने का कार्य करते हैं । इसीलिए समाज के हर वर्ग के लोग उन्हे सम्मान की नजर से देखते हैं। उनका कहना था कि  शिक्षक की भूमिका में कभी बदलाव नहीं आ सकता है। पहले भी वे बदलाव के वाहक होते थे और आज भी समाज को दिशा दिखाते हैं। शिक्षक को कभी भी अपना महत्व बताने की आवश्यकता नहीं होती है। भाजपा सरकार शिक्षक की सकारात्मक भूमिका तय करने की दिशा में आगे बढी है। सरकार का संकल्प है कि शिक्षक का सम्मान बढे।

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सिंचाई भवन के  चौधरी चरण सिंह  सभागार में आयोजित उत्तर प्रदेश प्राथमिक  शिक्षक संघ के प्रदेश पदाधिकारियों के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने कहा कि  शिक्षक समाज के प्रति अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा से  पालन करता है।शिक्षक उन्होंने कहा कि पिता की डांट का सम्मान करने वाला पुत्र, गुरू की डांट का सम्मान करने वाला शिष्य  और सुनार की पिटाई का सम्मान करने वाला स्वर्ण आभूषण बन कर निकलता है। उन्होंने बताया कि समाज में गुरु को मिलने वाले सम्मान से ही उन्हे शिक्षक बनने की प्रेरणा मिली थी।

डा शर्मा ने कहा कि  शिक्षक  समाज के लिए पूरी तरह  समर्पित होता है।  कोरोना काल में  जब ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई तो शिक्षकों से अपने लैक्चर्स को  अपलोड करने की अपील की गई थी और उन्होंने बिना किसी प्रशिक्षण के इस कार्य को पूरा किया। देश में यह अपने तरह की अनूठी पहल थी जो  सबसे पहले यूपी में हुई  थी। उस समय में ऑनलाइन शिक्षण का प्रयोग शिक्षकों के सहयोग से ही सफल हुआ था।  भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल को शिक्षा जगत के लिए क्रान्तिकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि  पिछले कार्यकाल में बनी डिजिटल लाइबे्ररी  एक क्रान्तिकारी कदम था और आईआईटी खडगपुर तक ने उसके लिए यूपी के साथ करार किया था। इस पहल से यूपी के शिक्षकों की प्रतिभा का लोहा बडे बडे संस्थानों ने माना था। इस लाइब्रेरी में मौजूद कन्टेंट प्रदेश का मान बढ़ा रहा है।

एक समय ऐसा भी था जब प्रदेश के शिक्षकों को बिना कारण बदनाम भी किया जाता था। कोरोना काल में शिक्षकों का त्याग समर्पण और प्रतिभा फिर सबके सामने आई है।  डा शर्मा ने कहा कि शिक्षकों का तबादला एक बडी समस्या होती थी पर पिछले कार्यकाल में इस समस्या का पुख्ता निराकरण किया गया था। तबादले की प्रक्रिया को माध्यमिक व उच्च शिक्षा में ऑनलाइन बनाकर शिक्षकों के शोषण को समाप्त किया गया। पाठ्यक्रम में आजादी के बाद पहली बार बदलाव कर बच्चों को  आधुनिक शिक्षा से जोडने की पहल की गई। इस बदलाव ने बच्चों को अन्य बोर्ड के छात्र छात्राओं से प्रतिस्पर्धा के काबिल बना दिया।

पुस्तक माफिया पर भी लगाम कसी गई और एनसीईआरटी की किताबे प्रदेश में सबसे कम दर पर उपलब्ध कराई गई थीं। पिछली सरकारों में परीक्षा केन्द्रो की बोली लगती थी पर भाजपा सरकार ने उस प्रथा को भी समाप्त किया और परीक्षा केन्द्रों के आवंटन की प्रक्रिया आनलाइन कर दिया । बिना किसी सरकारी खर्च के नकल विहीन परीक्षा के लिए तंत्र तैयार किया और यूपी आज नकल विहीन परीक्षा का माडल बनकर सामने आया है। यह एक ऐसा माडल बना था जिसमें  शिक्षक और छात्र किसी को भी प्रताडित नहीं किया गया।

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उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों की दशा बदल दी है। कायाकल्प योजना से विद्यालयों की सूरत बदल गई है। स्मार्ट क्लास बन रहे हैं जिससे शिक्षा को आधुनिक स्वरूप मिल सके। शिक्षा अभिकरण भी मूर्त रूप ले रहा है। सरकार आने वाले समय में शिक्षा आयोग बनाने जा रही है। इससे शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया और पारदर्शी तरह से हो सकेगी। पिछली सरकार में लाखों शिक्षकों की भर्ती बिना किसी विवाद के हुई है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि वे शिक्षकों की समस्याओं  को दूर कराने की दिशा में पूरी मदद करेंगे।  इस अवसर पर राज्यमंत्री सतीश शर्मा व  शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल सिंह, सुशील पांडे प्रदेश अध्यक्ष, यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ, अभिमन्यु प्रसाद तिवारी व एसपी तिवारी राज्य सरकारी कर्मचारी परिषद उपस्थित थे।

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