Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में निर्माणाधीन श्रीशैलम टनल की छत का एक हिस्सा ढहने से आठ लोग अंदर में फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लेकिन, रेस्क्यू टीम की ओर से सुरंग में फंसे मजदूरों का नाम पुकारे जाने पर भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है। जिसके बाद किसी अनहोनी की आशंका जतायी जा रही है। हालांकि, मजदूरों के परिवार को अब ईश्वर पर भरोसा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में शनिवार को एक सुरंग की छत ढहने से 8 लोग फंसे हुए हैं। जिन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए हैं। इसके साथ ही आर्मी ने भी बचाव कार्यों के लिए अपने इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) को तेजी से तैनात किया है। सुरंग में फंसे हुए लोगों में से दो व्यक्ति इंजीनियर और दो ऑपरेटर हैं। चार अन्य मजदूर हैं। ये सभी यूपी, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
हाल ही में निर्माण कार्य फिर से शुरू होने के बाद, शनिवार सुबह पहली पाली में 50 लोग 200 मीटर लंबी सुरंग बोरिंग मशीन लेकर सुरंग के अंदर गए। इस दौरान हादसा हुआ। अधिकारी ने बताया था कि ‘कार्य के सिलसिले में वे सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक गए थे, तभी अचानक छत ढह गई। मशीन के आगे चल रहे दो इंजीनियरों समेत आठ सदस्य फंस गए, जबकि 42 अन्य सुरंग के बाहरी गेट की ओर भागे और बाहर आ गए।’ अधिकारी ने बताया कि विशेषज्ञों की मदद से उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने रविवार मीडिया को बताया था कि उनकी सरकार विशेषज्ञों की मदद ले रही है, जिनमें पिछले साल उत्तराखंड में इसी तरह की घटना में फंसे श्रमिकों को बचाने वाले लोग भी शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की भी मदद ले रही है। अधिकारियों ने बताया कि आधुनिक तकनीक से लैस ईटीएफ दुर्घटना स्थल पर मानवीय सहायता और एचएडीआर ऑपरेशन चला रहा है।
मंत्री रेड्डी ने बताया कि नलगोंडा जिले में चार लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए श्रीशैलम परियोजना के तहत पानी की व्यवस्था के लिए “दुनिया की सबसे लंबी 44 किलोमीटर लंबी सुरंग” पर काम शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि 44 किलोमीटर में से करीब 9.50 किलोमीटर पर काम होना बाकी है।