नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है। देश के कई राज्यों में अब भी स्थिति नियंत्रण में नहीं है। हालांकि, कुछ दिनों से संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गयी है। वहीं, कोरोना वायरस को मात देने के लिए टिकाकरण अभियान को तेज किया गय है। हालांकि, टीकाकरण अभियान को रफ्तार मिलते ही देश में वैक्सीन की कमी होने लगी है।
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इन सबसके बीच पुणे बेस्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने कहा कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जाने बगैर और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन्स पर विचार किए बिना कई आयु वर्गों के लिए टीकाकरण की इजाजत दे दी। हील हेल्थ की ओर से आयोजित एक ई समिट में सीरम के सुरेश जाधव ने ये आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना ये आकलन किए कि भारत में कितनी वैक्सीन उपलब्ध है और इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्या गाइडलाइंस हैं, कई आयुवर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन की मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि देश को डबल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और इसी के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाना चाहिए।
सुरेश जाधव ने आगे कहा कि शुरू में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की जरूरत थी, मगर हमारे इस लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही यह जाने बगैर कि हमारे पास कितनी वैक्सीन उपलब्ध है, सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण के दरवाजे खोल दिए।