लखनऊ। यूपी का स्वास्थ्य विभाग खुद वेंटिलेटर पर चल रहा है या यूं कहें स्वास्थ्य विभाग को खुद ही बड़े स्तर पर सर्जरी की जरूरत है। ये हम नहीं कह रहे हैं। प्रदेश के जिलों से आये दिन भ्रष्टाचार के कारनामे स्वास्थ्य विभाग के बदहाली की कहानी खुद बयां हो रही है।
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यूपी के गोंडा जिले के अवैध नर्सिंग होम में 24 घंटे के अंदर दो नवजातों की मौत इसकी ताजगी बानगी है। गोंडा की जिले बहराइच रोड पर बिना रजिस्ट्रेशन के न्यू बॉर्न इंसेंटिव केयर यूनिट (NICU) संचालित हो रहा था। यहां 24 घंटे के भीतर दो नवजातों की मौत हो गई।
गोंडा जिले के बड़गांव के सतईपुरवा निवासी मोहित कुमार ने बताया कि मेरी पत्नी की डिलीवरी होनी थी। मैं उसे जिला महिला अस्पताल में लेकर आया था। जहां मेरी पत्नी को लड़का हुआ था। अंदर जब मेरे बच्चे को चेक किया गया तो डॉक्टर ने बताया कि बच्चा गंदा पानी पी लिया है। इसके बाद हमें एक व्यक्ति ने बताया डॉ.परवेज इकबाल खान के अस्पताल लेकर जाओ बढ़िया अस्पताल है, वहां बच्चा ठीक हो जाएगा।
पीड़ित पिता मोहित कुमार ने बताया कि मैं डॉक्टर परवेज इकबाल खान के अस्पताल गया, जहां, डॉक्टर ने मेरे बच्चे को देखते ही कहा कि तुरंत फीस जमा कर दो। इसके बाद मैंने 1 हजार रुपए जमा कर दिए। वह लगातार बोलते रहे कि बच्चा ठीक हो जाएगा। फिर चौथे दिन स्टाफ ने कहा कि बच्चे की मौत हो गई। जब मैं बच्चा लेने गया तो बिलिंग काउंटर से कहा गया कि 49 हजार जमा करो तभी बच्चा मिलेगा।
मोहित कुमार ने कहा कि मैंने डॉक्टर से पूछा कि हमारा बच्चा कैसे मर गया? डॉक्टर बोले कि मैं नहीं जानता। इसके बाद मैंने डायल-112 पर कॉल करके पुलिस कर्मियों को बुलाई। जब वे लोग अंदर गए तो उन्होंने मुझे बच्चा दिया। मैंने इस मामले में डीएम के यहां एप्लिकेशन भी दी है। मुझे इंसाफ चाहिए। हॉस्पिटल में डॉक्टर परवेज इकबाल खान बच्चों को देखने के लिए दिन में तीन बार आते थे।
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जिले का दूसरा मामला कटरा बाजार के कोटिया मदारा निवासी विनय सिंह की पत्नी किरन सिंह का प्रसव 10 सितंबर को कटरा बाजार सीएचसी पर हुआ। नवजात की हालत बिगड़ने पर उसे भी डॉ.परवेज इकबाल खान के ही नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। 11 सितंबर की शाम 5 बजे दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई।
सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बच्चों की मौत को पर शर्मनाक बयान देकर बिल्कुल गंभीर न होने का दिया प्रमाण
स्वास्थ्य विभाग इस कदर संवेदनहीन और भ्रष्टाचार का रंग चढ़ चुका कि गोंडा जिले में दो नवजात की मौत पर सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बच्चों की मौत को पर शर्मनाक बयान देकर बिल्कुल गंभीर न होने का प्रमाण दिया। डॉक्टर रश्मि वर्मा ने कहा कि एक बच्चा मर गया तो क्या हो गया? हजारों जिंदा हैं…जाकर लड्डू खाइए ना। सीएमओ के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। लोग उन्हें हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।
लखनऊ सीएमओ कार्यालय से ट्रांसफर होकर 1 जुलाई 2022 को गोंडा आई रश्मि वर्मा का रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं रहा है। यह पहली बार नहीं है जब डॉ. रश्मि वर्मा विवादों में घिरी हों। जिले की सातों विधानसभा के विधायक उन पर पहले भी भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप लगा चुके हैं।
जांच रिपोर्ट में करीब 3 करोड़ 93 लाख रुपए की बंदरबांट में गोंडा सीएमओ समेत कई अधिकारी प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता के हैं दोषी
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सीएमओ रश्मि वर्मा (CMO Dr. Rashmi Verma) पर गोंडा जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों ने भ्रष्टाचार और मनमानी के गंभीर आरोप लगाए चुके हैं। इससे पहले भी उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जो अब इस घटना से फिर सुर्खियों में आ गई हैं। लखनऊ सीएमओ कार्यालय से ट्रांसफर होकर 1 जुलाई 2022 को गोंडा आई रश्मि वर्मा का रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं रहा है। यह पहली बार नहीं है जब डॉ. रश्मि वर्मा विवादों में घिरी हों। गोंडा स्वास्थ्य विभाग (Gonda Health Department) में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर दवाओं और उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप है। शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन कमिश्नर देवीपाटन मंडल ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि करीब 3 करोड़ 93 लाख रुपए के सरकारी धन का बंदरबांट किया गया। रिपोर्ट में गोंडा सीएमओ समेत कई अधिकारियों को प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया।