Habit of thinking too much: कुछ लोग बाहर से बहुत शांत रहते हैं लेकिन अंदर ही अंदर विचारों का भूचाल जा मचा रहता है। किसी न किसी बात को लेकर दिन भर कुछ न कुछ सोचते रहते है। आगे चल कर यही आदत बन जाती है। ऐसे लोगो का दुसरों की तुलना में दिमाग शांत नहीं रहता है।
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ये आदत सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। क्योंकि ऐसे लोगो लगातार एक प्रकार के प्रेशर में रहता है जिसका असर शरीर और बाकी के अंगों पर साथ ही हार्मोनल हेल्थ पर भी पड़ता है। इतनाही नहीं स्ट्रेस, भूख न लगना नींद न आना जैसी कई समस्याओं को बढ़ा देता है।
ऐसे लोगो को हाई ब्लडप्रेशर की दिक्कत हो सकती है। स्ट्रेस रहने पर शरीर में हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। जो दिलकी धड़कन को बढ़ा देता है और ब्लड वेसेल्स संकीर्ण हो जाती है। ये क्रियाएं कुछ देर के लिए ब्लड प्रेशर को बढ़ा देती है। अधिक सोचने की आदत से नींद पर असर पड़ता है। दिमाग में लगातार आते जाते विचार आपको परेशान करते है नींद पर असर डालते है।
अधिक सोचने से डिप्रेशन की दिक्कत हो सकती है। ज्यादा सोचने से आपके ब्रेन के अंदर की गतिविधियों को सुस्त करने के साथ इसकी सोचनी की क्षमता पर असर डालता है। ऐसे में डिप्रेशन की दिक्कत हो सकती है। अधिक सोचने की आदत से एंग्जायटी और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जैसी बीमारियां हो सकती है। अधिक सोचने से घबराहट, डर और भविष्य को लेकर परेशान होते है।