नई दिल्ली: संसद की 96 साल पुरानी इमारत में मंगलवार को कार्यवाही का आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे थे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यहीं आकार लिया। पीएम मोदी ने कहा कि मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमती हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीएम नरेंद्र मोदी के सुझाव पर अमल करते हुए भूखंड संख्या 116 ,नई दिल्ली में स्थित भवन, जिसे पहले संसद भवन कहा जाता था और जिसकी उत्तर-पश्चिम में लोकसभा मार्ग और दक्षिण-पश्चिम में राज्यसभा मार्ग है , को आज से ‘संविधान सदन’ के रूप में अनुसूचित करते हैं। यह जानकारी लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने दी।