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राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है : स्वामी भास्करानंद सरस्वती

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नूतन मन्दिर में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा निमित्त पूजित अक्षत कलश वितरण कार्यक्रम का अयोजन लखनऊ पूरब भाग द्वारा संस्कृत भारती कार्यालय परिसर शिव मंदिर महानगर, निकट माउंट कार्मल विद्यालय लखनऊ में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी भास्करानंद सरस्वती महराज रहे, तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरब भाग के संघचालक प्रभात अधौलिया ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी निमंत्रण गीत ” मेरे रघुवर जी के अवधपुरी में प्राण प्रतिष्ठा होना है” से हुआ तत्पश्चात श्री शिव मंदिर में श्री अयोध्या धाम से आए पूजित अक्षत कलश का वेद मंत्रों से आचार्य नेअभिमंत्रित कर सभी 12 नगरों के कलश स्थापित किए गए।

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समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक गीतों पर कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुतियां प्रदर्शित कर पुरे कार्यक्रम का वातावरण भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम की इसी श्रृंखला में पूजित अक्षत कलश वितरण आभियान के संयोजक ने 1 जनवरी से 15 जनवरी तक घर -घर अक्षत, श्री राम जन्मभूमि मन्दिर मॉडल, पत्रक वितरण योजना पर आए श्री राम भक्तों से चर्चा किया। वहीं भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश ने बताया कि आज पूरा भारत राममय है। हर मन आनंदित है। पूरा देश रोमांचित है, सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। आज पूरा भारत भावुक। आज सदियों की आस की लहर है। आनंद का छड़ है बहुत प्रकार से आनंद है। जो संकप्ल हिन्दू समाज ने लिया था वह पूरा हो रहा है। जिस अवधपुरी का एहसास कराने के लिए 500 वर्षों से प्रतीक्षा थी, उसकी पूरे दुनिया को, समस्त भारतवासियों की भावनाओं को मूर्त रूप देने का यह अवसर आज पूरा हुआ है।

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इसी क्रम में आए अतिथियों का अंगवस्त्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर का मॉडल देकर स्वागत किया गया एवं स्वस्तिवाचन, पूजन उपरांत डॉ मानसी ने अपने काव्यपाठ में पढ़ा की ” मै पावन नीर सरयू की….” अयोध्या हिन्दुओं के भाग्य का उगता हुआ रवि है…. जैसी कविता पढ़ कर सभी को आनंदित किया कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी भास्करानंद जी महाराज ने अपने उद्बोधन में आए नागरिकवृंद व माता/ भगिनी को संबोधित करते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है। अब भारत में उत्कर्ष का सूर्य उदय होगा। अयोध्या में भव्य दिव्य निर्मित भगवान श्री राम जी के मंदिर में रामलला जी विराजित होंगे। 500 वर्षों के संघर्ष व बलिदान के उपरांत यह गौरवशाली दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा।

भारतवर्ष ही नही अपितु सम्पूर्ण दुनिया के श्री राम भक्तों के मन का भव्य, दिव्य, अलौकिक श्री राम मन्दिर में पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद भारतवर्ष के जन -जन के हृदय में विराजित मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम लला २२ जनवरी २०२४ को अपने दिव्य गर्भगृह में विराजमान होंगे। भगवान राम केवल महापुरुष ही नही बल्कि स्वयं भारत हैं, राष्ट्र हैं, संस्कृति हैं, सभ्यता हैं, जीवन हैं, आत्मा हैं, एकत्व हैं, आध्यात्मिकता हैं, मर्यादा हैं, और भारतवर्ष के प्रत्येक जन – गण – मन में निवास करने वाले परमपिता परमात्मा हैं। भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए इमारतें नष्ट हो गईं, क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने का हर कोई प्रयास हुआ। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। राम संस्कृति के आधार हैं। भारत की मर्यादा हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।

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इस अवसर पर भाग संघचालक प्रभात , सह भाग संघचालक अरुण, अक्षत वितरण अभियान के संयोजक धर्मेंद्र, सह संयोजक डा विश्वनाथ व अमित अरोरा, गोमती नगर जन कल्याण महा समिति के महासचिव डा राघवेन्द्र, अपर महाधिवक्ता विमल, वरिष्ठ कार्यकर्ता बाल भास्कर, अमित, बिरेन्द्र, भाजपा के त्रिलोक अधिकारी सहित समाज से भारी संख्या में आए संत श्रद्धालु बंधु, / भगिनी, तथा विविध संगठनों, संस्थाओं के पदाधिकारी, समाजसेवी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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