नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) के बीच सोशल मीडिया पर जंग तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने ट्विटर पर लिखा कि लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) ‘उल्टा चोर, कोतवाल को डांटे’ वाला ढ़ोंग रच रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी माना है कि NEET-UG का पेपर लीक हुआ था। पटना और हज़ारीबाग में लीक हुआ था।
पढ़ें :- MNLU औरंगाबाद के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना बोले -अधिवक्ता AI,आनुपातिकता और डेटा विश्लेषण का करें अध्ययन
लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर, मोदी सरकार "उल्टा चोर, कोतवाल को डाँटे" वाला ढ़ोंग रच रही है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि NEET-UG का पेपर लीक हुआ था। पटना और हज़ारीबाग में लीक हुआ था। @narendramodi जी इस पूरी धाँधली और शिक्षा माफ़िया के खेल में लगभग चुप्पी… pic.twitter.com/jVCK6x0pxt
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 25, 2024
पढ़ें :- अरविंद केजरीवाल का BJP पर बड़ा हमला, कहा-अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा था कि आजाद भारत में उनसे भी बड़ा कोई तानाशाह आएगा
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने ट्विटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरी धाँधली और शिक्षा माफ़िया के खेल में लगभग चुप्पी साधे हुए हैं। RSS-BJP के संरक्षण में शिक्षा माफ़िया ने पूरी शिक्षा प्रणाली को ख़ोखला कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारे 2 सवाल कायम हैं। पहला सवाल क्या NEET-UG में पेपर लीक नहीं हुआ? क्या NEET-PG, CSIR-UGC-NET, UGC-NET जैसी परीक्षाएं Cancel/postpone नहीं हुईं? क्या पिछले 7 वर्षों में 70 पेपर लीक नहीं हुए हैं? क्या NTA द्वारा कराए गए 66 में से 12 परीक्षाओं में पेपर लीक नहीं हुआ?
दूसरा सवाल क्या NEET-UG में 1563 छात्रों को ग़ैरकानूनी grace marks के चलते फ़िर से परीक्षा में बैठने को नहीं कहा गया? क्या 4 लाख़ छात्रों को 1 सवाल का उत्तर गलत लिखने के लिए 5 अंक नहीं बाँटे गए, जिसे की सुप्रीम कोर्ट ने पकड़ा और अब जिसके चलते टॉपर्स की संख्या में गिरावट आई है?
क्या NEET-UG में गलत प्रश्न पत्र देना, क्षतिग्रस्त answer keys देना, छात्रों द्वारा impersonation और अंकों के विश्लेषण से पता चलना कि टॉपर्स की संख्या असामान्य रूप से अधिक होना, जैसी धाँधलिया नहीं पाई गई? इन सबके बावजूद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ऐसे इतरा रहें हैं, जैसे उन्होंने कोई जंग जीत ली हो। छात्रों की हार पर मोदी सरकार को अपनी जीत लगती है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है?