भोपाल। गर्मी का एहसास होना शुरू हो गया है वहीं मौसम विभाग की यदि माने तो इस वर्ष भीषण गर्मी पड़ेगी तो वहीं इसके चलते बिजली कंपनी भी कटौती (Power Cuts) का खेल शुरू करेगी ही क्योंकि यह तय होता है कि मैटेनेंस के नाम पर न केवल घोषित और अघोषित रूप से कटौती होती है वहीं इस कारण गर्मी में लोग खासे परेशान हो जाते है। इधर गर्मी पड़ने के कारण बिजली की मांग भी पूरे प्रदेश में बीस हजार मेगावॉट तक पहुंचने की संभावना है।
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इस साल रिकॉर्ड गर्मी पड़ सकती है। मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार मार्च के दूसरे हफ्ते से दिन और रात का तापमान असामान्य रूप से बढ़ेगा। वहीं इस साल फरवरी से ही पारा बढऩे लगा है, जिससे बिजली की मांग बढ़ गई है। मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार इस बार मार्च से ही भीषण गर्मी सताने लगेगी। ऐसे में इस साल बिजली की मांग पूर्व के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी। पिछले साल दिसंबर में बिजली की अधिकतम डिमांड 18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंची थी। इस साल बिजली खपत 20 हजार मेगावॉट के आसपास पहुंच सकती है।
प्रदेश में आने वाले दिनों में बिजली की मांग कैसी रहेगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिजली की डिमांड गर्मी शुरू होने से पहले ही बढ़ गई है। प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक खपत 16600 मेगावॉट से ऊपर पहुंच गई है। भोपाल में अभी बिजली की औसत खपत 300 मेगावाट के आसपास है। मार्च-अप्रैल में यह डिमांड 500 मेगावॉट से अधिक हो सकती है। बढ़ती डिमांड की पूर्ति के लिए बिजली कंपनियों ने मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती का खेल भी शुरू कर दिया है। बिजली कंपनियों का दावा है कि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता 23 हजार मेगावॉट से अधिक है।
इसके बाद भी गर्मी के दिनों में राजधानी सहित प्रदेशभर में घोषित के साथ अघोषित बिजली कटौती शुरू हो जाती है। प्रदेश में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पिछले साल दिसंबर में बिजली की अधिकतम डिमांड 18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंची थी। इस साल बिजली खपत 20 हजार मेगावॉट के आसपास पहुंच सकती है। इसको देखते हुए बिजली उपलब्धता बढ़ाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने अधिकतम डिमांड की पूर्ति भी कर दी थी, लेकिन गर्मी के दिनों में बिजली की डिमांड एक ही समय में बढ़ जाती है। इससे फीडर पर ज्यादा लोड पड़ता है। इससे फाल्ट होने होते हैं और बिजली गुल हो जाती है। इस समस्या के निपटने के लिए अब फीडरों के लोड को भी कम किया जा रहा है।
भोपाल : मध्यप्रदेश से अक्षय की रिपोर्ट