पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :: गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को लेकर मंगलवार को स्थानीय प्रशासन ने कस्बे के निकट छपवा बाईपास पर अधिग्रहण की हुई जमीन खाली कराने पहुंचे। इस बीच अधिकारियों को भूमि स्वामियों से नोंक झोंक का सामना करना पड़ा। जमीन मालिकों ने कहा कि जब तक उनके खाते में मुआवजे की रकम नहीं आ जाती तब तक वह अपनी जमीन अधिग्रहित नहीं होने देंगे। तहसील प्रशासन एवं एनएचएआई के अधिकारियों के बीच घंटे भर चली गहमा गहमी के बाद वापस लौटना पड़ा।
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नेपाल सीमा से गोरखपुर तक फोरलेन के निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई भूमि में अभी भी कुछ जगहों पर लोगों ने अपना कब्जा नहीं हटाया है । जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में बाधाएं भी उत्पन्न हो रही हैं। जिलाधिकारी ने कुछ दिन पूर्व ही बैठक कर राष्ट्रीय राजमार्ग में किसी भी तरह की आ रही समस्याओं को महीने के अंत तक समाधान करने के निर्देश संबंधित जिम्मेदारों को दे रखा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्य में तेजी लाने के लिए एनएचएआई के अधिकारी ककीम खान एवं नायब तहसीलदार सौरभ श्रीवास्तव छपवा बाईपास पर जमीन खाली कराने पहुंचा तो भूमि स्वामियों से नोंक झोंक शुरू हो गई। अधिग्रहण वाली भूमि पर चाय की दुकान संचालित कर रहे हरिराम मौर्य ,संजीव मद्देशिया का कहना है कि दुकान के कंस्ट्रक्शन का अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला और ना ही खाली करने कोई नोटिस दी गई है बावजूद प्रशासन मनमानी तरीके से कार्रवाई कर रहा है।
जमीन मालिक अजीम का आरोप रहा की राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए की गई भूमि अधिग्रहण का मोआवजे की रकम खाते में भेजी जानी थी। अभी तक पैसा क्यों नहीं दिया गया है। बिना मुआवजे की रकम मिले जगह खाली नहीं करेंगे।
नायब तहसीलदार सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि जिन व्यक्ति का भुगतान हो गया है। उसी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिनका भुगतान अभी पोर्टल पर है,उनके खाते में आने का इंतजार किया जाएगा। भुगतान प्राप्त होते ही जमीन को अधिग्रहण कर लिया जाएगा।
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महराजगंज ब्यूरो प्रभारी विजय चौरसिया कि रिपोर्ट