नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता व राज्य सभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा कि 6 जून से लगातार मैं NEET एग्जाम में विवादों, आशंकाओं व गडबड़झाले को उजागर कर रहा हूं। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा कि कल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में PIL के निर्णय से NEET के 24 लाख बच्चों को कोई लाभ नहीं हुआ। मोदी सरकार (Modi Government) व NTA ने 1,563 बच्चों की दुबारा परीक्षा कराने की आड़ में पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया।
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रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा कि असल सवाल ये हैं कि क्या NEET पेपर लीक हुआ? क्या इसकी जांच हुई? क्या ये सही नहीं कि पटना से पेपर लीक की खबर आई? कई अख़बारों में तो 60 रुपये करोड़ के लेन देन की खबरें भी आई। जब पटना में FIR दर्ज हुई, तो उसका क्या हुआ?
6 जून से लगातार मैं #NEET एग्जाम में विवादों, आशंकाओं व गडबड़झाले को उजागर कर रहा हूँ।
कल सुप्रीमकोर्ट में PIL के निर्णय से NEET के 24 लाख बच्चों को कोई लाभ बही हुआ। मोदी सरकार व NTA ने 1,563 बच्चों की दुबारा परीक्षा कराने की आड़ में पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया।
असल सवाल ये… pic.twitter.com/iWmxRvEk5T
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2024
दूसरा सवाल 67 टॉपर कैसे हो सकते हैं, जिनके 720/720 नंबर हों? उन्होंने कहा कि अगर जिन 1,563 बच्चों की दुबारा परीक्षा हो रही है, उनमें से 6 टॉपर बच्चे निकाल भी दें, तो भी 61 बच्चे टॉपर कैसे हो सकते हैं?
तीसरा सवाल मार्क्स V/S रैंक का खेल क्या है? हज़ारों बच्चों के इतने ज़्यादा नंबर कैसे आए कि NEET एग्जाम का पूरा समीकरण ही बिगड़ गया? क्या इसका कारण पेपर लीक है या कुछ और? इन सब बातों की जांच होनी चाहिए, न की लीपापोती जो मोदी सरकार (Modi Government) कर रही है। क्या NEET एग्जाम का टेक्निकल व फॉरेंसिक ऑडिट होगा, क्योंकि तभी दूध का दूध व पानी का पानी होगा। सरकार जबाब दें, हिसाब दें। NEET पेपर रद्द करो।