अयोध्या। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) ने बांग्लादेश (Bangladesh) में मची उथल-पुथल और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर बांग्लादेश (Bangladesh) का नाम लिए बिना बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज पड़ोसी मुल्कों में हिंदुओं को खोज कर मारा जा रहा है। वहां मठ और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीख लेनी होगी और सनातन की रक्षा के लिए एक होना होगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दिगंबर अखाड़े में राम मंदिर आंदोलन के महानायक रामचंद्र दास परमहंस (Ramchandra Das Paramhans, the great hero of the Ram Mandir movement) की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि के लिए उनका पूरा जीवन समर्पित था। उन्होंने अपने जीवन को राम मंदिर के लिए मिशन बनाया। परमहंस की मूर्ति को देख ऐसा लगा कि अभी कुछ बोलने वाले हैं। मुझे मूर्ति स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ और दिगंबर अखाड़ा एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ के सानिध्य में आंदोलन में अग्रणी रहे। आज अयोध्यावासियों को पूरे देश में सम्मान मिल रहा, सम्मान मिलता नहीं सम्मान सुरक्षित करना होगा।
श्री अयोध्या जी में पूज्य संत, ब्रह्मलीन महंत परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज की मूर्ति अनावरण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/67xhcGOPAa
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 7, 2024
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सीएम ने कहा कि संतों की पहचान यही है। परमहंस जी सोच रहे होंगे कि मेरा संकल्प पूरा हुआ, उनका आशीर्वाद पीएम नरेंद्र मोदी को भी प्राप्त हुआ। राम मंदिर आंदोलन के यज्ञ की पूर्णाहुति में उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। आत्मा अजर अमर है। उसको कोई मार नहीं सकता है। परमहंस जी वापस दिगंबर अखाड़ा में विराजमान हो गए हैं। परमहंस महराज जी मेरे गुरु के गुरु थे। मेरे गुरु हमेशा यह जानना चाहते थे कि परमहंस जी कैसे थे। उनकी सरलता के कारण कोई नहीं जान सकता था कि वो कितने बड़े नेतृत्वकर्ता हैं, कितने बड़े गुरु हैं, कितने चमत्कारी हैं। मूल्य और आदर्श के लिए परमहंस जी हमेशा डटे रहे। दुनिया की तस्वीर वर्तमान में देख रहे होंगे।
सीएम योगी ने कहा कि श्री अयोध्या धाम स्थित दिगंबर अखाड़ा में पूज्य साधु-संतजनों के पावन सान्निध्य में पूज्य संत, ब्रह्मलीन महंत परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज की 21वीं पुण्यतिथि (21st Death Anniversary) के अवसर पर उनकी दिव्य एवं भव्य प्रतिमा के अनावरण का सौभाग्य प्राप्त हुआ। महाराज जी के श्री चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन। पूज्य संत, ब्रह्मलीन महंत परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज मेरे लिए पूज्य गुरु के तुल्य थे।
उन्होंने पूरा जीवन मूल्यों के लिए, एक लक्ष्य के लिए तथा सनातन धर्म की परंपराओं को मजबूती प्रदान करने के लिए जिया था। वे कहते थे कि श्री अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण मेरे जीवन का अंतिम संकल्प है। पूज्य संतों के प्रयास व आशीर्वाद से मंदिर का निर्माण हो चुका है। आज प्रभु श्री रामलला अपनी जन्मभूमि पर विराजमान हैं।
श्री गोरक्षपीठ, गोरखपुर और दिगंबर अखाड़ा, अयोध्या एक-दूसरे के पूरक बनकर कार्य करते थे। सीएम योगी ने कहा कि जिस श्री राम जन्मभूमि के बारे में लोग कहते थे कि अगर फैसला श्री राम मंदिर के पक्ष में हुआ तो सड़कों पर खून की नदियां बहेंगी, लेकिन आपने देखा होगा। पूज्य संतों का संकल्प जब एक दिशा में, एक साथ, एक स्वर में आगे बढ़ा, तब अयोध्या में प्रभु श्री रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।