नई दिल्ली। देश में लागू कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली है। इस रैली को सफल बनाने के लिए देश के सभी हिस्सों से किसान दिल्ली पहुंचे हुए है। दिल्ली पुलिस ने तय रूट से रैली निकालने के लिए इजाजत दी थी। लेकिन रैली के दौरान भीड़ ने हिंसा का रूप ले लिया है। जहां भीड़ होती है वहां हिंसा होने की संभावना बढ़ जाती है। भयावह भीड़ जब दिल्ली में किसान आन्दोलन के दौरान उग्र होने लगी तब दिल्ली पुलिस का एक अलग ही चेहरा देखने को मिला।
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पुलिस ने एक तय रूट से गुजरने के लिए इजाजत दे थी। लेकिन किसान दूसरे रूटों से जाने के लिए जिद पर उतर गयें। इस दौरान पुलिस से किसानों की बहस होने लगी और देखते ही देखते भीड़ हिंसा का रूप लेने लगी। बहुत समझाने के बाद जब किसान नहीं माने तो उन्हें समझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने गांधीगिरी का रूप अपनाया और वहीं सड़कों पर बैठ गए। ये घटना दिल्ली के नागलोइ की है। जहां पुलिस के मौके पर मौजूद आला अधिकारी वहीं धरने पर बैठ गए।
तीन विवादित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा था कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और यह गणतंत्र दिवस पर होने वाली आधिकारिक परेड के समापन के बाद ही शुरू होगी। संघों ने दावा किया था कि उनकी परेड में करीब दो लाख ट्रैक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर तथा गाज़ीपुर (यूपी गेट) से रवाना होगी।