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सत्य कुछ समय के लिए परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं : Mukesh Sahni

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) से चारा घोटाले (Fodder Scam) के मामले में अन्दर गए लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को जुड़े डोरंडा ट्रेजरी (Doranda Treasury)  मामले में जमानत मिल गई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश साहनी की रिहाई पर शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का झारखंड उच्च न्यायालय से डोरंडा केस में जमानत मिल गई है। राजद के लिए खुशी की बात है कि आज ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जी, राजद नेता तेजस्वी यादव जी और तेजप्रताप यादव जी के द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है और उसके पहले यह खुशी आई है।

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वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव  के सामाजिक न्याय के आदर्शों पर आगे बढ़ रही है। हम उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं। जल्द ही लालू जी हम सभी के बीच होंगे और उनसे कुछ सीखने को मिलेगा। झारखंड हाई कोर्ट में लालू यादव के वकील ने बीमारी होने की बात कहते हुए, उन्हें जमानत देने के लिए याचिका लगाई थी। लालू यादव की जमानत याचिका का सीबीआई ने सजा पूरी न होने की बात कहते हुए विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को दरकिनार करते हुए 10 लाख रुपए के जुर्माने के साथ उन्हें जमानत दे दी।

139.5 करोड़ का डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से अवैध निकाली का मामला चारा घोटाले (Fodder Scam)  से जुड़ा पांचवां और अंतिम मामला है जिसमें लालू प्रसाद यादव दोषी (Lalu Prasad Yadav)  पाए गए थे। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बाकी अन्य दोषियों को फरवरी में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई थी। इस केस में 99 दोषियों में से 24 को अपराध मुक्त कर दिया गया था जबकि 40 को 3 साल की सजा सुनाई गई थी।

बिहार के वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav)  को चारा घोटाले से जुड़े अलग-अलग चार मामलों में अब तक 14 साल की सजा हो चुकी है। आखिरी केस डोरंडा कोषागार से अवैध निकाली का मामला उस समय का है जब वह अविभाजित बिहार के सीएम थे। 22 साल चले लंबे ट्रायल में 55 दोषियों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 8 लोग सरकारी गवाह बन चुके हैं और 6 लोग अभी भी फरार हैं।

चारा घोटाले (Fodder Scam) को लेकर खुलासा सबसे पहले चाईबासा के डिप्टी कमिश्नर अमित खरे ने किया था। उन्होंने बताया था कि पशुपालन विभाग की ओर से अविभाजित बिहार के कई जिलों में फेक बिल बनाए गए थे, जिनका भुगतान सरकार की ओर से किया जा रहा था। उस समय बिहार सरकार में वित्त मंत्रालय भी लालू प्रसाद यादव के पास था।

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लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav)  को दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार (Chaibasa Treasury) से अवैध निकासी के चार मामलों में सजा होने के साथ कोर्ट ने अब तक उन पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जून 1997 में सीबीआई की जांच में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को पहली बार दोषी पाया गया था।

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