यूपी के कई जिलों में आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन चने की दाल की कचौड़ी के साथ आम खाया जाता है। इस दिन कानपुर में चने की दाल की पूड़ी के साथ आम रस खूब खाया जाता है। नमकीन और मीठा स्वाद इतना टेस्टी होता है। कि क्या कहने। तो चलिए जानते हैं। आषाण पूर्णिमा के मौके पर घर में आप भी ट्राई करें चने की दाल की कचौड़ी के साथ आमरस या आम का लाजवाब स्वाद।
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चना दाल की इंस्टेंट कचौड़ी बनाने की सामग्री 100 ग्राम चने की दाल 1 चम्मच जीरा 3 चम्मच साबुत धनिया आधा चम्मच मेथी दाना 2-3 साबुत लाल मिर्च अमचूर पाउडर दो चम्मच नमक स्वादानुसार गेहूं का आटा गूंथने के लिए तेल लहसुन 10-15 अदरक 2 इंच लंबा टुकड़ा हरी धनिया हरी मिर्च
चना दाल की इंस्टेंट कचौड़ी बनाने की रेसिपी
सबसे पहले चने की दाल को अच्छी तरह से धोकर कूकर में दोगुनी मात्रा में पानी डालकर सीटी लगाएं। तीन से चार सीटियों में जब दाल पक जाए तो गैस की फ्लेम को बंद कर दें। दाल को ठंडा हो जाने दें। फिर मिक्सी के जार में लहसुन की कलियों, अदरक के साफ धुले टुकड़ों के साथ मिलाकर दाल को पीस लें। ध्यान रहे कि दाल को पीसते समय पानी की मात्रा ना के बराबर रखें। जिससे कि पेस्ट सूखा सा बनें। अब पैन में तेल गर्म करें और उसमे जीरा चटकाएं। साथ में मेधी, धनिया और साबुत लाल मिर्च डालकर गैस बंद कर दें।
अब इन मसालों को मिक्सी के जार में डालकर पीस लें। साथ में दाल भी मिला लें। जिससे कि सारे मसाले अच्छी तरह से पिसकर दाल के पेस्ट में मिक्स हो जाएं। अब गेंहू के आटे को बड़े परात में लें। अच्छी तरह से छान लें। इसमे नमक और थोड़ा सा तेल डालें। साथ में पिसे दाल के मसाले को मिला लें। अब बिना पानी के आटे के साथ दाल को मिलाकर गूंथ लें।
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ध्यान रहे कि आटा कड़ा हो जिससे पूड़ियां कुरकुरी बनें। अगर बहुत सूखा लग रहा तो थोड़ा पानी मिलाकर गीला कर लें। नहीं तो आटा गूंथने में दिक्कत होगी। बस जब ये गुंथ जाए तो प्लेन सतह पर गोल लोई बना लें। छोटी-छोटी कचौडियां बनाकर गर्मागर्म हरी चटनी के साथ सर्व करें।