प्रयागराज। उमेश पाल (Umesh Pal) और उनके दो गनर की हत्या के मामले में दो दिन पहले आरोपी बनाए गए अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटों उमर व अली के खिलाफ विवेचना में पुलिस को अहम साक्ष्य मिले हैं। पूर्व में जेल भेजे गए अभियुक्तों ने बयान में बताया है कि अतीक से फेसटाइम पर होने वाली हर मीटिंग के बाद एक-एक बात की जानकारी जेल जाकर अली को दी जाती थी। पूर्व में दो बार प्लानिंग फेल होने के चलते एक बार गुलाम समेत अन्य शूटरों को उसने यह कहते हुए उकसाया भी था कि इस बार उमेश पाल (Umesh Pal) को नहीं मार पाए तो दोबारा मुंह मत दिखाना।
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सूत्रों के मुताबिक, हत्याकांड से पहले शूटर गुलाम, गुड्डू मुस्लिम व अरमान ने नैनी जेल (Nanny Jail) में जाकर अली से पांच बार मुलाकात की थी। इस दौरान उनके साथ सदाकत भी था। सदाकत ने पूछताछ में पुलिस को जो बयान दिया है, उससे अली की संलिप्तता के पर्याप्त साक्ष्य मिलते हैं। उसने पुलिस को बताया कि शूटर गुलाम, गुड्डू मुस्लिम व अरमान, असद की मौजूदगी में फेसटाइम से अतीक से मीटिंग करते थे। ऐसी ही एक मीटिंग मुस्लिम हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में भी हुई थी जिसमें वह शामिल था।
अली से मिलने के लिए नैनी जेल में गए थे शूटर
इस मीटिंग के बाद भी गुलाम व अन्य शूटर उसे लेकर नैनी जेल (Nanny Jail) में अली से मिलने पहुंचे थे और उसे एक-एक बात की जानकारी दी थी। इसके अलावा शाइस्ता के चकिया कसारी मसारी स्थित कमरे में होने वाली मीटिंग के बाद भी गुलाम व अन्य नैनी जेल (Nanny Jail) में अली से मिलने गए थे। हत्याकांड से पहले आखिरी बार जेल में हुई मुलाकात में अली ने गुलाम व अन्य को उकसाया भी था। उसने इस बार कोई चूक होने पर दोबारा शक्ल न दिखाने की बात कही थी। इस बात को लेकर गुलाम बहुत आक्रोशित था और जेल से लौटते वक्त उसने यह भी कहा था कि इस बार किसी भी हालत में वह काम पूरा करके रहेगा।
जेल में बयान के बाद चार्जशीट
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सूत्रों का कहना है कि उमर व अली ने जेल से अपने भाई असद व शूटरों को दिशा-निर्देश भी दिए थे। अभियुक्तों के बयान के साथ ही नैनी व लखनऊ जेल के सीसीटीवी कैमरों (CCTV Cameras ) के फुटेज, जेल मुलाकाती रजिस्टर में की गई प्रविष्टि आदि ऐसे ही साक्ष्य हैं। फिलहाल इस मामले में अगली कार्रवाई दोनों अभियुक्तों का बयान दर्ज किया जाना है। विवेचक इस मामले में कोर्ट से अनुमति लेकर दोनों का बयान दर्ज करने नैनी व लखनऊ जेल में जाएंगे। माना जा रहा है कि बयान दर्ज किए जाने के बाद उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।