लखनऊ: यूपी विधान सभा (up legislative assembly) के अगले साल 15 मार्च तक चुनाव करवाए जाने पर केन्द्रीय चुनाव आयोग (central Election commission) गम्भीरता से विचार कर रहा है। बीते दो दिन आयोग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से वर्चुअल बैठक कर चुका है, अब तक हुई चुनाव की तैयारी, आगामी पहली नवम्बर से शुरू होने वाले वोटर लिस्ट के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के मुद्दों पर चर्चा की।
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इसके अलावा केन्द्रीय चुनाव आयोग (central Election commission) यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं, होली के त्योहार, फसल कटाई, कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर आदि तमाम मुद्दों पर आयोग ने जिलाधिकारियों से जानकारी हासिल की।
चुनाव आयोग ( Election commission )के अधिकारियों का आंकलन है कि प्रदेश में 15 मार्च तक विधान सभा चुनाव सम्पन्न करवाए जा सकते हैं। इसके लिए दिसम्बर के अंत या अगले साल जनवरी की शुरुआत में चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है।
चूंकि चुनाव ड्यूटी में बड़ी तादाद में सरकारी शिक्षकों को भी तैनात किया जाना है और अधिकांशत: शिक्षण संस्थाओं में ही मतदान केन्द्र बनाए जाते हैं इस लिहाज से 15 मार्च तक विधान सभा चुनाव करवाकर उसके बाद यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (up Board)और अन्य शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं करवाने का प्रस्ताव है। इन अधिकारियों का तर्क है कि वर्ष 2012 में विधान सभा चुनाव (up legislative assembly) के लिए 28 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की गयी थी और छह मार्च 2012 को मतगणना करवायी गयी थी।
जबकि 2017 के विस चुनाव (up legislative assembly) के लिए उस साल सात जनवरी को अधिसूचना जारी हुई थी और 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में चुनाव सम्पन्न करवा लिये गये थे। वैसे मौजूदा विधान सभा का कार्यकाल 14 मई तक है, उससे पहले आयोग को हर हाल में चुनाव करवाने होंगे।