Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Usri Chatti Case : माफिया मुख्तार अंसारी पर 21 साल बाद हत्या का मुकदमा दर्ज, जानें क्या है उसरी चट्टी कांड?

Usri Chatti Case : माफिया मुख्तार अंसारी पर 21 साल बाद हत्या का मुकदमा दर्ज, जानें क्या है उसरी चट्टी कांड?

By संतोष सिंह 
Updated Date

Usri Chatti Case : यूपी (UP) के गाजीपुर जिले (Ghazipur District) में मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र (Muhammadabad Kotwali Area) में करीब 21 साल पहले हुए उसरी चट्टी हत्याकांड (Usri Chatti Case) में वादी और मुख्य गवाह मुख्तार अंसारी (Chief witness Mukhtar Ansari) पर ही हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। मृत ठेकेदार मनोज राय (Contractor Dead Manoj Rai)  के पिता शैलेंद्र राय (Shailendra Rai) की तहरीर पर एडीजी (ADG)के निर्देश पर कार्रवाई हुई है। ऐसे में मुख्तार के खिलाफ दर्ज मुकदमों की संख्या 61 हो चुकी है। बीते 20 जनवरी को मुकदमा दर्ज होते ही उसरी चट्टी हत्याकांड (Usri Chatti Massacre) की तस्वीर ही बदल दी है।

पढ़ें :- यूपी उपचुनाव : चुनाव आयोग, बोला- पुलिस का काम मतदाता का पर्दा हटाना या पहचान पत्र देखना नहीं, शांति व्यवस्था कायम करना है

ठेकेदार मृत मनोज राय (Contractor Dead Manoj Rai) के पिता बिहार के बक्सर सगरा राजापुर निवासी शैलेंद्र कुमार राय (Shailendra Kumar Rai) ने तहरीर में बताया कि 14 जुलाई 2001 की शाम को सुरेंद्र शर्मा (मुख्तार का ड्राइवर), शाहिद, गौस मोइनुद्दीन और कमाल घर आए और पुत्र मनोज को ले गए। 15 जुलाई 2001 की शाम घर मनोज की हत्या की सूचना मिली थी। पुत्र की ससुराल भांवरकोल के अवथही में थी। वह मुख्तार के लिए ठेकेदारी का काम करता था। उसने कुछ टेंडर अपने मन से डाल दिया था। इसको लेकर अनबन थी और मुख्तार अंसारी नाराज थे। मृत ठेकेदार के पिता शैलेंद्र कुमार राय (Shailendra Kumar Rai) ने एडीजी प्रशांत कुमार (ADG Prashant Kumar) से मिलकर पीड़ा रखी।

उन्होंने मुख्तार पर पुत्र की हया का आरोप लगाया। साथ ही मुख्तार के गुर्गों पर घर जाकर धमकाने का आरोप भी लगाया। मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीजी (ADG) के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ। मुहम्मदाबाद कोतवाल अशोक मिश्रा (Muhammadabad Kotwal Ashok Mishra) ने बताया कि उसरी चट्टी कांड में मृत ठेकेदार मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय (Shailendra Rai)ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  पर पुत्र की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि टेंडर को लेकर अनबन थी और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) नाराज थे।

मुख्तार ने बृजेश और त्रिभुवन को किया था नामजद

15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। दोपहर 12. 30 बजे उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग की थी। इसमें मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। इसमें अन्य दो की भी मौत हुई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।

पढ़ें :- Maharajganj:बोर्ड परीक्षा केंद्रों में आपत्तियों की भरमार
Advertisement