Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. यूपी पुलिस अपराधियों के लिए 4 साल से बनी कहर, विकास दुबे इनामी अपराधी में सबसे ऊपर

यूपी पुलिस अपराधियों के लिए 4 साल से बनी कहर, विकास दुबे इनामी अपराधी में सबसे ऊपर

By आराधना शर्मा 
Updated Date

लखनऊ: यूपी में  योगी सरकारी के 4 साल पूरे हो चुके हैं। कानून व्यवस्था को लेकर आए दिन विपक्ष सवाल भी खड़े करता रहता है। लेकिन अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो योगी सरकार के 4 वर्षों में सबसे ज्यादा अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में उनके अंजाम तक पहुंचाया गया है।

पढ़ें :- Viral video: डेढ़ कुंतल भारी और बीस फीट लंबे भारी भरकम मगरमच्छ को अपने कंधे पर लादकर यमुना नदी में छोड़ने पहुंचा युवक, नजारा देख आंखों पर नहीं होगा विश्वास

आपको बता दें, इसमें 2017 से लेकर 2020 तक लगभग 135 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए और वहीं अगर 2021 के ढाई महीने पर नजर डालें तो पुलिस मुठभेड़ में 6 अपराधी ढेर हो चुके हैं।

योगी सरकार में अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2017 में 28 अपराधी मारे गए, 2018 में 41 अपराधी मारे गए, दरअसल, 2019 में 34 अपराधी मारे गए, 2020 में 26 अपराधी मारे गए हैं। सबसे खास बात यह देखने को मिली कि इनमें 111 ऐसे अपराधी थे जिनके ऊपर पुलिस की तरफ से इनाम भी घोषित किया गया था।

विकास दुबे सबसे बड़ा इनामी अपराधी 

योगी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में इनामी बदमाशों के लिए ये 4 साल मौत का काल बनकर आए और इन 4 सालों के अंदर सबसे ज्यादा इनामी अपराधी मुठभेड़ में मारे गए। इनाम की राशि पर अगर नजर डालें तो सबसे ज्यादा 5 लाख इनाम की राशि बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के ऊपर रखी गई थी और इससे अधिक इनाम की राशि किसी भी अपराधी के ऊपर नहीं थी जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

इसके बाद अगर नजर डालें तो 1.50 लाख के इनामी 3 बदमाश, 1 लाख के इनामी 18 बदमाश, 2 लाख के इनामी 2 बदमाश, 25 हजार के इनामी 20 बदमाश, 15 हजार के इनामी 11 बदमाश, 75 हजार का इनामी 1 बदमाश, 50 हजार के इनामी 46 बदमाश, 12 हजार के इनामी 4 बदमाश तथा 5 हजार का इनामी 1 बदमाश भी पुलिस की गोली से ढेर हुआ। पूरे प्रदेश में मुठभेड़ के मामले में मेरठ नंबर 1 पर रहा, जहां सर्वाधिक 18 बदमाश मुठभेड़ में ढेर किए गए।

पढ़ें :- भाजपा संविधान को ताक पर रखकर करना चाहती है मनमानी, दूसरी ओर करती है दिखावा : अखिलेश यादव
Advertisement