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उत्तराखंड: गंगा, अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से बदरीनाथ हाईवे 25 मीटर तक ध्वस्त

By आराधना शर्मा 
Updated Date

उत्तराखंड: लगातार 3 दिन से हो रही बारिश के चलते उत्तराखंड में एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। गंगा नदी में जल स्टार बढ़ गया है। तो वहीं बदरीनाथ हाईवे की स्थिति बेहद खराब हो गई है। शनिवार को अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से बदरीनाथ हाईवे मारवाड़ी पुल से विष्णुप्रयाग तक करीब 25 मीटर तक ध्वस्त हो गया है। इतना ही नहीं, यहां छोटे वाहनों की आवाजाही भी मुश्किल से हो पा रही है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग तीन जगह बंद है। पिथौरागढ़-घाट एनएच में पांच स्थानों पर मलबा आ गया है।

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आपको बता दें, शनिवार को दिनभर बारिश होने के कारण मारवाड़ी के समीप देवी मंदिर से हाथी पहाड़ के ठीक नीचे हाईवे के पुराने पुश्ते बह गए हैं, जिससे सड़क पर नदी की साइड लगातार भू-धंसाव हो रहा है। हाईवे पर बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ गई है, जबकि छोटे वाहन भी मुश्किल से पार हो रहे हैं। मौसम सामान्य होने के बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से यहां हिल कटिंग कर हाईवे को वाहनों की आवाजाही लायक बनाया जाएगा।

रुद्रप्रयाग में बादल छाए

रुद्रप्रयाग जिले में आसमान में बादल छाए हैं। अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी के जलस्तर में रविवार को कमी आई है। ऋषिकेश-बदरीनाथ एवं गौरीकुंड राजमार्ग यातायात के लिए खुले हैं, लेकिन 30 संपर्क मार्ग अब भी बंद हैं। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त है। यहां प्रशासन ने आवाजाही रोकी है। ऋषिकेश में भी गंगा का जलस्तर घटा है। रविवार सुबह नौ बजे गंगा जलस्तर 339.69 आरएल मीटर रहा। जबकि खतरे का निशान 340.50 आरएल मीटर है।

चमोली जिले में बारिश फिलहाल थमी है। नदी घाटियों में कोहरा छाया हैं। बदरीनाथ हाईवे क्षेत्रपाल और जोशीमठ से आगे अवरुद्ध है। कंचनगंगा में हाईवे करीब 200 मीटर तक क्षतिग्रस्त है, जिले की करीब 60 सड़कें अभी भी जगह-जगह मलबा आने से बंद हैं। बदरीनाथ धाम में संचार सेवा भी 2 दिनों से ठप है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कौडियाला और तोता घाटी के बीच बाधित है।

यमुनोत्री हाईवे खरादी के पास भूस्खलन के कारण मलबा, बोल्डर आने से रात्री से बंद है। यहां तीन कॉटेज क्षतिग्रस्त होने के साथ ही पांच मंजिल होटल को नुकसान पहुंचा है। पुरोला व मोरी ब्लॉक में लगातार हो रही भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। मोरी में टौंस नदी उफान पर है। रूपीन, सूपीन नदी के जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

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