Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. दादी इंदिरा गांधी का 52 साल पुराना पत्र शेयर कर वरुण गांधी ने दिया बड़ा संदेश, लिखा ‘सच्चे नेता नहीं लेते जीत का अकेले श्रेय’

दादी इंदिरा गांधी का 52 साल पुराना पत्र शेयर कर वरुण गांधी ने दिया बड़ा संदेश, लिखा ‘सच्चे नेता नहीं लेते जीत का अकेले श्रेय’

By संतोष सिंह 
Updated Date

पीलीभीत। यूपी की पीलीभीत लोकसभा सीट (Pilibhit Lok Sabha Seat) से भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने अपनी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi)  की जमकर तारीफ की है। उन्होंने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)  को एक सच्चा और बड़ा दिल रखने वाला नेता बताया है।

पढ़ें :- भारत की सॉफ्ट पावर, जो वैश्विक विमर्श को आकार देने में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गई है : रुचिरा कंबोज

भाजपा के साथ कथित तौर पर बढ़ती दूरियों के बीच वरुण गांधी ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)  का पूर्व सेना प्रमुख को लिखा पत्र शेयर किया है। उन्होंने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi)  के एक पत्र को एक्स पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की जीत पर सेना प्रमुख जनरल सैम मानेकशॉ को लिखा था। इस पत्र में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने सेना प्रमुख, भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों के साहस और वीरता की प्रशंसा करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया था।

वरुण गांधी (Varun Gandhi)  ने अपनी दादी का लिखा पत्र शेयर करते हुए लिखा कि ‘1971 के युद्ध में ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल सैम मानेकशॉ को पत्र लिखा था। एक सच्चा नेता जानता है कि पूरी टीम ही जीतती है और जानता है कि कब बड़ा दिल रखना है और अकेले श्रेय नहीं लेना है। आज के दिन पूरा भारत इन दोनों महान भारतीय महानायकों को सलाम करता है।

फील्ड मार्शल सैम ‘बहादुर’ मानेकशॉ (Field Marshal Sam ‘Bahadur’ Manekshaw) 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की जीत के मुख्य वास्तुकार थे। किंवदंती है कि युद्ध शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi)  ने सेना प्रमुख मानेकशॉ से पूछा था कि क्या वह तैयार हैं और उन्होंने जवाब दिया था, ‘मैं हमेशा तैयार हूं, डियर।’ इन्हीं मानेकशॉ के नेतृत्व में सेना ने जब पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे तब इंदिरा गांधी ने उन्हें एक भावुक पत्र लिखा था।

22 दिसंबर 1971 को इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)  ने सैम मानेकशॉ को पत्र में लिखा कि “डियर जनरल मानेकशॉ, पिछले दिनों ने हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और हमारे राष्ट्रीय मूल्यों को बनाए रखने में हमारे सशस्त्र बलों की शानदार उपलब्धि के लिए लोगों की प्रशंसा का प्रमाण दिया है। मैं जानती हूं कि सेनाध्यक्ष के रूप में और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में आपका बोझ कितना भारी रहा है और आप पर लगातार कितना दबाव रहा है। अभियान के दौरान तीनों सेनाओं के बीच समन्वय का इतना प्रभावशाली प्रदर्शन आपके शानदार नेतृत्व के कारण हुआ। मैं विशेष रूप से इस संकट के दौरान आपके सहयोग, आपकी स्पष्ट सलाह और निरंतर उत्साहवर्धन को महत्व देती हूँ। मैं भारत सरकार और जनता की ओर से आपके और आपके अधिकारियों एवं जवानों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती हूं।

पढ़ें :- भारतीय सेना दुनिया की अद्वितीय सेना, हमारे सशस्त्र बल राष्ट्र की सुरक्षा की मजबूत नींव: सीएम योगी

बता दें कि वर्ष 1971 में 16 दिसंबर को पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक फौजियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था, और भारत की शानदार जीत हुई थी। इस युद्ध के बाद दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया था। भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाता है।

31अक्तूबर को शेयर की थी फोटो

इसी तरह 31 अक्तूबर 2023 को भाजपा सांसद वरुण गांधी  (Varun Gandhi)  ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)  के बलिदान दिवस पर एक ट्वीट किया था। उन्होंने बचपन की फोटो दादी के साथ शेयर किया था। लिखा था, ‘अप्रतिम साहस एवं संघर्ष की प्रतीक और लोकतांत्रिक समाजवाद की प्रणेता रही मेरी दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)  जी को उनके बलिदान दिवस पर शत शत नमन। आपमें कठोर फैसले लेने के दृढ़निश्चय के साथ-साथ मातृत्व एक बेहद सरल और सौम्य कोमलता भी थी। आप सही मायने में ‘देश की मां’ हैं।

Advertisement