नई दिल्ली। Pegasus स्पाईवेयर से हर एक भारतीय अब तक वाकिफ हो गया होगा। लेकिन क्या आपको Pegasus Zero Click Attack के बारे में मालूम है। जिससे आपके स्मार्टफोन को कंट्रोल में लिया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि Pegasus Zero Click Attack से किसी भी स्मार्टफोन का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। आइए जानते हैं कि आखिर Zero click Attack क्यों इतना खतरनाक है और यह कैसे काम करता है?
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जैसा कि नाम से मालूम होता है कि यह एक रिमोट साइबर अटैक है। इसके लिए किसी भी स्मार्टफोन पर हमले के लिए स्मार्टफोन में कुछ भी भेजने की जरूरत नहीं होती है। मतलब यह पारंपरिक हैकिंग से अलग है। Zero Click Attack में किसी मोबाइल फोन का मैलेशियस वेबसाइट और ऐप पर क्लिक करना जरूरी नहीं होता है। इससे पहले तक साइबर हमले के लिए मोबाइल फोन में कोई मैसेज या फिर सोशल इंजीनियरिंग ट्रिक जैसे पुश नोटिफिकेशन को भेजा जाता है।
लेकिन Pegausu को खासतौर पर सोशल इंजीनियरिंग के जुगाड़ को बाईपास करने के लिए बनाया गया है। Pegasus स्पाईवेयर एक WhatsApp कॉल करके डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम तक एक्सेस हासिल कर लेता है, फिर एक कोड को लॉन्च करता है। इसके बाद फोन में मालेवयर प्लांट कर देता है। इस तरह Pegasus स्पाईवेयर का स्मार्टफोन तक एक्सेस हो जाता है।ऐसा कहा जाता है कि Pegasus वो सारी चीजें कर सकता हैं, तो एक डिवाइस का ओनर नहीं कर सकता है।
साथ ही इसका पता मोबाइल के ओनर को नहीं लग पाता है। Pegasus स्पाईवेयर की पहुंच एंड्राइड के साथ iOS बेस्ड डिवाइस तक है। spyware स्पाई इंस्टॉल होने के बाद call logs, मैसेज, ईमेल, कैलेंडर और इंटरनेट हिस्ट्री, लोकेशन डेटा को एक्सेस कर सकता है। यह Pegasus को मैन्युअली या फिर वायरलेस ट्रांसरिसीवर से इंस्टॉल कर सकता है।